गलत चिंतन और सोच ने महिलाओं के चित्र को विकृत कर दिया है: सिस्टर लूसी
रांची। ख्वातीन-ए-तहजीब के तत्वावधान में आयोजित महिला सम्मान समारोह में रविवार को रांची की 20 विभिन्न क्षेत्र की सफल महिलाओं को सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सिस्टर लूसी ने कहा कि गलत चिंतन और सोच ने महिलाओं के चित्र को विकृत कर दिया है। हम महिलाएं केवल अश्लील और विकृत मानसिकता की शिकार हो रही है। हमें अपने को बदलना पड़ेगा। कार्यक्रम में डॉ. आलमआरा ने पारंपरिक समाज पर प्रहार किया और कहा कि हमें भाइयों के बराबर अधिकार चाहिए। डॉ. आलमआरा ने सभी धर्मों संप्रदायों को पुरुष प्रधान बताया और कहा कि पहले ऐसा नहीं था। मध्यकाल में महिलाओं पर आक्रमण हुए और उनके अधिकारों को छीन लिया गया। उन्होंने कहा कि हमें कमजोर नहीं समझे हम प्रकृति हैं और हम ही जननी है और हम ही सृष्टि है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अभिलाषा चौधरी ने कहा कि हमारी कला ही हमारी पहचान है। हम अपने घर से परिवर्तन प्रारंभ करें। मौके पर झारखंड उच्च न्यायालय की अधिवक्ता सपना प्रियेवदा ने कहा कि अधिकार और कानून से कुछ नहीं होगा समाज में बदलाव दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम केवल बेटियों को तहजीब और संस्कार नहीं सिखाएं बेटों को भी महिलाओं के सम्मान की शिक्षा दे। नादिया खान ने कहा कि महिलाओं में भी पुरुष मानसिकता होती है इसे समाप्त करने की जरूरत है। वरिष्ठ पत्रकार नेहा वारसी ने कहा कि आर्थिक स्वावलंबन से ही महिलाओं में सशक्त भावना आएगी। मौके पर नीलम वाला लाल ने कहा कि हमें अपनी ताकत को समझना चाहिए। पत्रकार रितिका वैद्य ने कहा कि हमे अपनी ताकत से अपनी पहचान बनानी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए फरजाना फारूकी ने कहा कि हमारी अपनी पहचान है इसे बनाए रखने की जरूरत है। हमें अपने आप को समझना होगा। धन्यवाद ज्ञापन अख्ता पन्ना ने किया, मंच संचालन मंजू सपरवार ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन अजीता जॉर्ज ने किया। कार्यक्रम में सीपीआई के अजय कुमार सिंह, मुफ्ती अजहर कासमी, राजेश यादव, अनिकेत चौधरी, जयंत पांडे, गौतम चौधरी, नागेंद्र चौधरी, शहनाज प्रवीण आदि कई गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में आसिफा एवं नूरी खातून ने गजल पेश किया।