रामगढ़ छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस
शंकर चौधरी सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए कर रहे हैं लोगों को परेशान : सीईओ
रामगढ़। छावनी परिषद रामगढ़ के मुख्य अधिशासी अधिकारी एम एस हरी विजय ने शनिवार को अपने कार्यालय में शहर के बेसमेंट और भवन के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। रामगढ़ छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रामगढ़ के पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि शहर के बेसमेंट और बड़े भवनों को नहीं तोड़ने के एवज में छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने ₹50 लाख लिया है। जो सरासर गलत और मनगढ़ंत गलत आरोप है।
उन्होंने कहा कि इसको लेकर रामगढ़ छावनी परिषद सिविल और क्रिमिनल कोर्ट में पूर्व विधायक शंकर चौधरी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करने जा रही है। उन्हें प्रमाण देना होगा की छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने 50 लाख रुपए किससे और कहां लिया है। उन्होंने कहा कि सस्ती लोकप्रियता कमाने के लिए मनगढ़ंत गलत आरोप लगाया जा रहा है जिसे किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। छावनी परिषद की मान मर्यादा के साथ समझौता नहीं किया जाएगा।
मुख्य अधिशासी अधिकारी ने कहा कि रामगढ़ छावनी परिषद ने शहर के 300 से अधिक भावन और बेसमेंट मालिकों को नोटिस भेजा है। लेकिन छावनी परिषद अभी फिलहाल तोड़फोड़ करने नहीं जा रही है। छावनी परिषद आम जनता की सेवा और सहयोग के लिए है। लेकिन पूर्व विधायक शंकर चौधरी और कुछ लोग शहर को बर्बाद करने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही रामगढ़ छावनी परिषद के अध्यक्ष ब्रिगेडियर श्री कुमार, सांसद जयंत सिन्हा,डीसी माधुवी मिश्रा, मनोनीत सदस्य कीर्ति गौरव और मेरे उपस्थिति में एक बैठक संपन्न हुई थी। जिसमें निर्णय लिया गया कि शहर में जी प्लस फोर भवन के लिए प्रस्ताव मुख्यालय भेजा जाना है। उन्होंने कहा कि छावनी परिषद आम लोगों को परेशान करने के लिए नहीं बनाई गई है। उन्होंने कहा कि किसानों का मुद्दा भी गलत तरीके से उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों के लिए नए बस स्टैंड के बगल में 316 दुकानें बनाए गए हैं। अभी किसान जमीन पर बैठकर सब्जी बेचते हैं। लेकिन वहां उन्हें दुकान दिया जाएगा। लेकिन पूर्व विधायक शंकर चौधरी और कुछ लोग नहीं चाहते कि किसानों को सब्जी बेचने के लिए अच्छी सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि छावनी परिषद की बैठक में 247 और 248 के तहत कार्रवाई करने का प्रस्ताव पास किया गया था। लेकिन उस पर शहर के लोगों की भलाई को देखते हुए कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ेगा तो छावनी परिषद अपने मान सम्मान के लिए कड़ी कार्रवाई अवश्य करेगी।