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पिछड़ों की नाराजगी का परिणाम भुगतेगी हेमन्त सरकार: अमित

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ओबीसी आरक्षण की मांग पर दिए बयान का किया विरोध

रांची। झारखण्ड में पिछड़ा समुदाय की नाराजगी का परिणाम हेमंत सोरेन की सरकार अगले चुनाव में भुगतेगीं। पिछड़ों के आरक्षण तय किए बिना पंचायत चुनाव करना सरकार की बड़ी भूल होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछड़ों को आरक्षण देने के मामले में जो बयान दिया है। उससे पिछड़ा समुदाय मर्माहत और बहुत नाराज़ हैं।

उक्त बातें मूलवासी सदान मोर्चा केंद्रीय कोर कमेटी के वरिष्ठ नेता व प्रवक्ता अमित साहू ने कही। मालूम हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में पिछड़ों के आरक्षण के मामले में मीडिया के सवालों के जवाब में कहा था कि पिछड़ों को 36 से 50% आरक्षण दिया गया तो एसटी एससी को यूक्रेन जाना पड़ेगा। श्री साहू ने कहा हेमंत का यह बयान निंदनीय तो है ही ,उनकी अपरिपक्वता , अदूरदर्शिता और पिछड़ा समुदाय के प्रति उनकी मानसिकता को दर्शाता है। श्री साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से चुनाव के पूर्व हम लोगों से जो बात हुई थी उन सभी बातों को शायद वे भुल गए। श्री साहू ने कहा कि बाबुलाल मराण्डी ने पिछड़ों और सदानों की अवहेलना करते हुए पिछड़ों के आरक्षण को 27 से घटाकर 14%कर दिया था साथ ही सदानों को भी उनके अधिकारों से वंचित करने का काम किया था जिसका परिणाम श्री मरांडी को भुगतना पड़ा है।

अमित साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी की राह पर जा रहे हैं, इस लिए इसमें कोई संदेह नहीं है इनका भी हस्र बाबुलाल मराण्डी के जैसा ही होगा। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में ST SC की तुलना में ओबीसी का प्रतिशत बहुत ज्यादा है ओबीसी का आबादी 55% है उन्होंने कहा सर्वोच्च न्यायालय ने भी कहा कि आबादी के अनुसार आरक्षण दिया जा सकता है और झारखंड में जनजातियों की आबादी 26% है और उन्हें 26% आरक्षण मिल रहा है तो 55% वाले ओबीसी को 36 से 50% आरक्षण क्यों ना मिले। श्री साहू ने कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा जो कांग्रेस पार्टी दलित, पिछड़ों की बात करती थी अब वह भी पिछड़ों को 27% आरक्षण देने की बात कह कर पिछड़ों को नाराज कर रही है इसकी खामियाजा भी कांग्रेस को भी भुगतना पड़ेगा उन्होंने भाजपा और अन्य दलों को भी स्पष्ट करने को कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने पिछड़ी जातियों के लिए 36 से 50% आरक्षण देने की अनुशंसा की है उसके साथ खड़े हैं या नहीं।