गिद्दी। बेदिया विकास परिषद की बैठक चपरी में आयोजित की गयी जिसमें अरगड्डा काजू बागान को खोलने के सवालों और रैयतों की जमीन के बदले नौकरी, मुआवजा, पुर्नवास को लेकर ग्रामीणों के साथ विचार विमर्श किया गया। इसमें ग्रामीणों ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि आदिवासियों के धर्म, संस्कृति, पर्यावरण, परंपराओं का संरक्षण आवश्यक है। बेदिया विकास परिषद के शंकर बेदिया ने कहा कि बेदिया समुदाय को संपूर्ण रूप से विकसित करने के लिए सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक चेतना के साथ आगे ले जाना होगा। बेदिया समुदाय एक उपेक्षित जनजाति है, इसे मुख्यधारा में जोड़ने के लिए अंधविश्वास को हटाना, शिक्षा, अपने धर्म, संस्कृति भाषा और हक- अधिकार के लिए लगातार अग्रसर होने की जरूरत है। रामवृक्ष बेदिया ने कहा कि अरगड्डा, गिद्दी, सिरका, भुरकुंडा तथा अन्य कोलियरियो में आदिवासी की जमीन लेने के बाद विकास नहीं के बराबर हुई है। आदिवासियों की जमीनों की सिर्फ लूट हुई है। नेतागिरी के कारण लूट की छुट को बढ़ावा मिला। इस मौके पर देवकीनंदन बेदिया ने कहा कि ग्रामीण रैयतों की लड़ाई पूरी ताकत के साथ आदिवासी मोर्चा द्वारा लड़ी जाएगी। उन्होंने आह्वान किया कि आगामी 24 मार्च को राजभवन के समक्ष जनकन्वेंशन में सभी बड़ी संख्या में शामिल हों। मौके पर लाली बेदिया, रामवृक्ष बेदिया, देवकीनंदन बेदिया, सुभाष वेदिया, पिंटू बेदिया शिवदेव बेदिया, शोषित बेदिया, यमुना बेदिया, जितेंद्र बेदिया, रमन बेदिया वासुदेव बेदिया, रामू बेदिया, राजू बेदिया, प्रकाश बेदिया, सरजू बेदिया, सुरेंद्र बेदिया, सत्येंद्र बेदिया, राजेंद्र बेदिया, कामेश्वर बेदिया, बाबूलाल बेदिया, सुरेश बेदिया, शंकर बेदिया समेत कई ग्रामीण महिला, पुरुष उपस्थित थे।