अतिशय पावन यह विमर्श , श्रद्धा का है चरमोत्कर्ष
रामगढ़। शहर के बिजुलिया तालाब रोड , दीनबंधु नगर , स्वामी मनोज गुप्ता के निवास परिसर में , ओशोधारा संघ रामगढ़ की ओर से आयोजित “संबोधि दिवस” का चिरस्मरणीय आयोजन सद्गुरु सिद्धार्थ औलिया जी की ऑनलाइन उपस्थिति में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।
देश-विदेश से ऑनलाइन जुड़े अनेक ओशो साधकों की उपस्थिति में अपने पावन संदेश में सद्गुरु ने कहा कि आज से पच्चीस वर्ष पूर्व पांच मार्च 1997 को वे “संबोधि को उपलब्ध हुए थे। आज “संबोधि दिवस” की रजत जयंती है , जिसे “ओशोधारा दिवस” के नाम से भी जाना जाता है। पच्चीसवें वसंत में प्रवेश कर चुकी ओशोधारा का यह यौवन काल है , मैं इस समय स्वयं को युवा अनुभव कर रहा हूं। यह अवसर हम सभी के लिए पारस्परिक बधाई और शुभकामनाएं देने का व धन्यता अनुभव करने का है। प्यारे सद्गुरु ने यह भी कहा कि आज से तीन सौ वर्षों पूर्व संबोधि आकाशीय प्रतीत होती थी , किंतु परम गुरु ओशो की जीवंत ओशोधारा ने इसे सहज , सरस और सरल स्वरुप प्रदान कर दिया है।
इस अवसर पर देशभर के लगभग सभी राज्यों से ऑनलाइन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की नयनाभिराम प्रस्तुतियां दी गई। रामगढ़ ओशोधारा संघ ने ओशोधारा मैत्री संघ झारखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए पायल सिंह एवं बिंदिया कुमारी के द्वारा भावपूर्ण नृत्य की प्रस्तुति से दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। सद्गुरु के आशीष एवं सेंट्रल की ऑनलाइन कमान थामे आचार्य आलोक जी की प्रशंसा और सराहना से रामगढ़ ओशोधारा संघ में आगामी प्रस्तुतियों का उत्साह हिलोरें लेने लगा है। ओशोधारा के झारखंड स्टेट प्रेस मीडिया कोआर्डिनेटर स्वामी राज़ रामगढी ने कहा कि आस्था , आस्तिकता और अस्तित्व के धरातल पर संबोधि का यह महापर्व आध्यात्मिक जगत के लिए चिरस्मरणीय संदेश है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से वाई.ई.अशोक कुमार गुप्ता , स्वामी किशोर गुप्ता , स्वामी मनोज गुप्ता , स्वामी संतोष गुप्ता , स्वाति गुप्ता , सोनी देवी , मोहित गुप्ता , जाह्नवी पाण्डेय , ज्योति पाण्डेय , ललिता पाण्डेय , शिवांगी गुप्ता , आयुषी सिंह , वैष्णवी मानसाता , विदुषी मानसाता सहित अन्य ओशो साधकगण उपस्थित थे। गुरु प्रसाद के वितरण के पश्चात आयोजन का विसर्जन हुआ।