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झारखंड के रामगढ़ जिला में कोयला का अवैध खनन और कारोबार

जिला में ‘सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चलीकहावत हो रही चरितार्थ

कोयला तस्करी कराने वाले अब कोयला बंद कराने की कर रहे बात

रांची/रामगढ़। झारखंड के रामगढ़ जिला से पिछले लगभग 2 वर्षों से कोयला का अवैध खनन और कारोबार चरम पर पहुंचा हुआ है। यह बात राज्य की राजधानी रांची से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक जाना जा रहा है। ऐसा नहीं कि राज्य और देश की खुफिया विभाग इस बात की सूचना सरकारों तक नहीं पहुंचाई है। एक कहावत है कि ‘जब सैंया भए कोतवाल तो फिर डर काहे का’। रामगढ़ जिला में पिछले 2 दिनों से जोर शोर से कोयला के अवैध खनन और कारोबार को बंद कराने की बात कही जा रही है। सच्चाई है कि रविवार की रात जिला के घाटो,कुजू और मांडू थाना क्षेत्र से बाइक ट्रक अवैध कोयला बिहार की डेहरी मंडी पहुंची थी। हालांकि रविवार की रात अवैध कारोबार अवैध कोयला को कारोबार स्थल से हटाने के लिए किया गया। जानकारों की मानें तो जिला में पिछले 2 वर्षों से कोयला का अवैध खनन और कारोबार के पीछे सरकारी मशीनरी के संरक्षण की बात कही जा रही है। यह हम नहीं बल्कि विभिन्न राजनीतिक दलों के द्वारा सरकार के पास भेजे गए पत्र और ज्ञापन में कहा गया है। इस बात की पुख्ता प्रमाण झारखंड सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी की जिला कमेटी ने लिखित रूप से देख कर प्रमाणित कर दिया है। चुकि अब झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 25 फरवरी से आरंभ होने जा रहा है। विपक्षी दल भाजपा कोयला के अवैध खनन और कारोबार को लेकर आक्रामक है। ऐसे में सरकार को डर है कि भाजपा विधानसभा सत्र के दौरान कोयला के अवैध खनन और कारोबार का मुद्दा जोरशोर से उठाएगी। इसलिए झारखंड सरकार द्वारा कोयला के अवैध खनन और कारोबार को पूरी तरह से बंद कराने का सख्त आदेश दिया गया है। जिसका असर केवल रामगढ़ में ही नहीं बल्कि हजारीबाग,बोकारो और धनबाद में भी दिख रहा है। अचानक कोयला के अवैध खनन और कारोबार को रोकने के लिए सरकारी मशीन सक्रिय हो गई है। रामगढ़ जिला में 13 स्थानों में चेक नाका बना दिया गया है। राजनीतिक नेताओं का कहना है कि यह चेक नाका सरकारी मशीनरी की आई वास है। कोयला का अवैध खनन और कारोबार चल ही रहा है। विधानसभा सत्र को देखते हुए फिलहाल कुछ दिनों के लिए यह अवैध कारोबार को स्थगित किया गया है। लेकिन कोयला के अवैध खनन और कारोबार को बंद कराने की जोर शोर से प्रचार की जा रही है। रामगढ़ जिला में फिलहाल यह कहावत चरितार्थ हो रहा है कि सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।