मेदिनीनगर: अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सम्मेलन की तैयारी को लेकर नागलोक भवन में भाकपा माले का प्रमंडलीय स्तरीय कैडर कन्वेंशन किया गया।कन्वेंशन की शुरुआत किसान आंदोलन में शहीद हुए साथियों को याद करते हुए एक मिनट का मौन रख कर किया गया।भाकपा माले के राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा की विदेशी लूट के खिलाफ संघर्ष का आगाज करने वाले नीलांबर पीतांबर की धरती पर 28 मार्च को अखिल भारतीय किसान महासभा का राज्य सम्मेलन होने जा रहा है।आज का भारत कुछ वैसे ही दौर में है। इस फासीवादी दौर में सरकार संविधान खत्म करने की तरफ बढ़ रही है।नागरिकों का अधिकार, न्यायपालिका,कार्यपालिका, संसद सभी संस्थाओं को कुचला जा रहा है। इसके खिलाफ ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने एक उदाहरण पेश किया है। कैसे अपने अधिकारों के लिए, देश को बचाने के लिए संघर्ष किया जाए।
किसान आंदोलन की शुरुआत दिल्ली की बॉर्डर पर हुआ।उसका असर पुरे देश में था। किसान आंदोलन से सीख लेते हुए छात्र, नौजवानों के आंदोलन मजबूत हुए।और भाजपा जहां मजबूत थी वहां कमजोर होना शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि झारखंड में रघुवर की सरकार ने आदिवासी अधिकारों पर जब हमला शुरू किया। तो उसका प्रतिरोध का असर है की आज भाजपा को यहां से उखाड़ फेंका गया।
कोरोना महामारी के दौर में नौकरियां खत्म हुई। पर सरकार के नए बजट में उसके लिए कोई विशेष प्राक्कलन नही किया गया है। जब मनरेगा में मजदूरी बढ़ाने, श्रम दिवस बढ़ाने की जरूरत थी।तो उसी वक्त मनरेगा का बजट घटा दिया गया। कोरोना के दौर में कुछ कॉरपोरेट घरानों की आय दो से चार गुना तक बढ़ गया। वही आम भारतीयों की आय अप्रत्याशित रूप से घटी है। बेरोजगारी दर आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक है। वहीं झारखंड में कुछ डैम बने, कारखाने बने पर इससे विकास और रोजगार मिलना तो दूर झारखंड के लोग सिर्फ विस्थापित हुए हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में किसान महासभा का राज्य सम्मेलन 28 मार्च को तय किया गया है।झारखंड में किसानी, वनोत्पादों,पशु,मत्स्य पालन के जरिए झारखंडी किसानों का विकास हो सकता है। परंतु कॉरपोरेट परस्त नीतियों में किसानों के लिए कोई जगह नही है। किसानों को सभी फसलों पर एमएसपी का लाभ मिलना चाहिए।लेकिन यहां धान और गेहूं के फसल पर भी एमएसपी का लाभ नहीं मिल पाता है। देश और राज्य में सबसे अधिक किसान परिवारों की संख्या हैं। हमें मालूम है की देश का विकास का रास्ता किसानों के विकास से होकर ही गुजरेगा।पलामू में किसान महासभा का राज्य सम्मेलन किसानों की दावेदारी स्थापित करने और किसानों की स्थिति को बेहतर करने के साथ ही साथ देश से इस फासीवादी शासन को उखाड़ फेंकने में मिल का पत्थर साबित होगा।
कैडर कन्वेंशन का संचालन भाकपा माले के प्रमंडलीय प्रभारी रविंद्र भुइयां ने किया। गढ़वा जिला सचिव कालीचरण मेहता, लातेहार जिला सचिव बिरजू राम, पलामू जिला सचिव आरएन सिंह, किसान महासभा प्रभारी बीएन सिंह के साथ जन संग्राम मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष युगल पाल ने भी संबोधित किया। कन्वेंशन में भाकपा माले के तीनों जिला कमिटी, एरिया कमिटी के अलावे अन्य लोग उपस्थित थे।