गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन को लिपिबद्ध किया जाए
- स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल हो उनकी जीवनी
- आजादी के अमृत काल में यही होगी हमारी श्रद्धांजलि
रांची। आज लोकसभा में सांसद संजय सेठ ने नियम 377 के तहत झारखंड सहित देशभर के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी को लिपिबद्ध करने व उसे विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल करने का आग्रह सरकार से किया।
सांसद श्री सेठ ने कहा कि हमारा भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह हमारे लिए अमृत काल है। विभिन्न क्षेत्रों में कई कार्यक्रम हो रहे हैं। हम, हमें परतंत्रता की बेड़ियों से स्वतंत्र कराने वाले महापुरुषों को याद कर रहे हैं। राष्ट्रभक्ति पर कई आयोजन हो रहे हैं।
इस अमृत काल सांसद ने सदन के माध्यम से सरकार से आग्रह किया कि देशभर में कई ऐसे लोगों ने बलिदान दिया है। जो आज भी गुमनाम है। जिन्हें आज भी कोई नहीं जानता और उनका बलिदान बहुत बड़ा बलिदान है। चाहे उन्होंने अंग्रजों से संघर्ष के रूप में बलिदान दिया हो, चाहे कविताएं और लेखन के माध्यम से योगदान दिया हो। स्वतंत्रता में ऐसे कई बलिदानियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
उन्होंने कहा कि मैं आग्रह करता हूं कि राष्ट्रीय स्तर पर एक समिति बनाई जाए और ऐसे बलिदानियों को, उनके संघर्षों को, उनके कृतित्व को लिपिबद्ध किया जाए। उन्हें सूचीबद्ध किया जाए ताकि देश उन सब को भी जान सके।
सांसद ने यह भी कहा कि इनके योगदान राज्यों के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएं ताकि हमारे बच्चे उन्हें पढ़ सकें। उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें। श्री सेठ ने कहा कि मुझे लगता है, देश के हजारों लाखों गुमनाम बलिदानियों के लिए यह हम सबकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।