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रामगढ़: जिले का कुजू थाना क्षेत्र बन गया है कोयला के अवैध खनन और कारोबार का केंद्र

रोजाना सैकड़ों वाहनों से हो रहा कोयले का अवैध कारोबार

कुजू रेलवे साइडिंग से भी कोयला का अवैध कारोबार ?

क्षेत्र के दर्जनों फैक्ट्रियों में खरीदा जा रहा अवैध कोयला

दूसरे राज्यों में भी भेजा जा रहा दर्जनों ट्रक अवैध कोयला

मांडू(रामगढ़)। झारखंड प्रदेश का रामगढ़ जिला पिछले 2 वर्षों से कोयला के अवैध खनन और कारोबार के लिए पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकारी मशीनरी के सहयोग से चल रहा कोयले का अवैध खनन और कारोबार से राज्य और केंद्र सरकार को करोड़ों रुपए का सीधा नुकसान हो रहा है। वही खान दुर्घटनाओं में भी जान और माल की नुकसान हो रही है। रामगढ़ जिला का कुजू थाना क्षेत्र इन दिनों कोयला के अवैध खनन और कारोबार का मुख्य केंद्र बनता नजर आ रहा है। रोजाना किस थाना क्षेत्र से बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध खनन और कारोबार चल रहा है। जिला के कुजु ओपी क्षेत्र से बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। क्षेत्र में कोयले का अवैध खनन और कारोबार सफेदपोश और वर्दीधारी के संरक्षण में चल रहा है। इसमें कई कलमवीर भी शामिल है। जो पूरे अवैध कारोबार को मैनेज करने में लगे हैं। जानकारों की माने तो कुज्जू ओपी क्षेत्र के तोपा, कुजू कोलियरी की बंद पड़ी खदान, बूढ़ाखाप, महुआटूगरी, कर्मा, सुगिया और बनवार क्षेत्र से बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध खनन हो रहा है।

 

कुजू का कुख्यात कोयला तस्कर बालेश्वर मेहता,अमित कुमार सहित कई अन्य खुलेआम कोयला का अवैध कारोबार कर रहे हैं। इन स्थानों से कोयले का अवैध खनन कर क्षेत्र की छोटी बड़ी फैक्ट्रियों और बिहार और यूपी के मंडियों में भेजा जा रहा है। वही इस क्षेत्र में सीसीएल की पड़ने वाली कोलियरी से भी कोयले की चोरी हो रही है। इसमें सीरियल के अधिकारी और सुरक्षा विभाग के लोगों के भी शामिल होने की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि लोहा गेट क्षेत्र से बालेश्वर मेहता और अमित कुमार रोजाना 4 से 6 ट्रक कोयला निकाल रहे हैं। इन कोयले को बिहार और यूपी के मंडियों में भेजा जा रहा है। इसी प्रकार अवैध खनन किए गए हजारों टन कोयला क्षेत्र के छोटे से बड़े फैक्ट्रियों में गिराए जा रहे हैं।

कुज्जू रेलवे साइडिंग से बड़े पैमाने पर कोयला तस्करी ?

जिला में इन दिनों कुजू रेलवे साइडिंग से कोयला का अवैध कारोबार को लेकर जोरदार चर्चा हो रही है। इसको लेकर एक पुलिस अधिकारी का संबंधी मीडिया और विरोध करने वालों को मैनेज करते चल रहा है। चर्चा है कि कुजू रेलवे साइडिंग में कोलियरी से आने वाले कोयले को दूसरे फैक्ट्रियों और बाहर की मंडियों में बेच दिया जाएगा। रेलवे साइडिंग में पदस्थापित अधिकारियों को इसके एवज में एक मोटी राशि दी जाएगी। इस पूरे खेल में सीसीएल और रेलवे के अधिकारियों के शामिल होने की बात कही जा रही है। चर्चा है कि प्रत्येक डंपर या हाईवा के कोयला के एवज में मैनेज करने के नाम पर 20 से ₹40 हजार खर्चा किया जाएगा। इस अवैध कारोबार मैं कॉल ट्रांसपोर्टर के भी भागीदारी होने की चर्चा हो रही है। बताया जाता है कि इस पूरे दो नंबर के खेल में धनबाद का एक कोयला माफिया शामिल है। यहां से प्रत्येक दिन करोड़ों रुपए का कोयला का खेल होगा। फिलहाल अभी इसकी ट्रायल चल रही है। जिला के कई रेलवे साइडिंग से कोयला में चारकोल मिलाने का अवैध कारोबार चलता ही है। अब रेलवे साइडिंग में आने वाले कोयले का भी अवैध कारोबार होगा। इस कोयला को रिसीविंग का माल कहा जाता है।