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राधा गोविंद विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन

नवीन ज्ञान की खोज करना ही रिसर्च है : प्रो. डॉ. एम. रजीउद्दीन

रामगढ़। राधा गोविंद विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग और मनोविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ‘रिसर्च मेथोडॉलजी’ विषय पर आज तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला आभासी माध्यम पर 9 से 11 फरवरी तक संचालित की जाएगी। आज के कार्यक्रम को तीन सत्र में विभाजित किया गया था।जिसमें माननीय कुलपति प्रो. डॉ. एम. रजीउद्दीन, राधा गोविंद विश्वविद्यालय, डॉ. जे. पी. खरे, राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत, एसोसिएट प्रोफेसर, राँची विश्वविद्यालय और डॉ. इशिता यू. भारद्वाज, असिस्टेंट प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय क्रमशः मुख्य वक्ता के रूप में जुड़े और अपने वक्तव्य द्वारा सभी श्रोताओं को लाभान्वित किया।
प्रथम सत्र में कार्यशाला का शुभारंभ कुलसचिव डॉ. निर्मल कुमार मण्डल के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने सभी आमंत्रित अतिथियों का हार्दिक अभिवादन किया। इसके बाद कुलाधिपति ने सभी को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। तत्पश्चात पहले वक्ता के रूप में प्रो. डॉ. एम. रजीउद्दीन का वक्तव्य हुआ। उन्होंने ‘शोध प्रविधि का परिचय’ विषय पर वक्तव्य दिया और कहा कि नवीन ज्ञान की खोज करना ही रिसर्च है। दूसरे सत्र में डॉ. जे. पी. खरे जी ने ‘शोध प्रविधि के मूल तत्व’ विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने जीवंत उदाहरणों द्वारा विषय के गंभीर पक्षों को रेखांकित किया। इसके बाद अंतिम सत्र में डॉ. इशिता यू. भारद्वाज जी का ‘क्वालिटेटिव रिसर्च’ विषय पर व्याख्यान हुआ।


कार्यशाला में देश भर के 100 से अधिक शोधार्थी जुड़े। कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्मृतिकाना घोष द्वारा किया गया जिसमें डॉ. प्रेम प्रकाश, डॉ. एंजेला, डॉ. नीलम, अंजली और महेश की समान रूप से भागीदारी रही। तकनीकी सहयोग डॉ. संजय और प्रेमचंद महतो द्वारा प्राप्त हुआ।