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रामगढ़ : वर्मी कंपोस्टिंग विषय पर हुआ प्रशिक्षण का आयोजन

रामगढ़: वर्मी कंपोस्टिंग विषय पर आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ मंगलवार को जिला समाहरणालय के ब्लॉक बी स्थित सभागार में परियोजना निदेशक आत्मा श्री प्रवीण कुमार सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ असीम कुमार, जिला योजना पदाधिकारी श्री समीर कुल्लू, डीडीएम नाबार्ड श्री उपेंद्र कुमार के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्रशिक्षण के दौरान परियोजना निदेशक आत्मा द्वारा उपस्थित किसानों को वर्मी कंपोस्टिंग कर  स्वावलंबी बनने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान उन्होंने सभी किसानों को वर्मी कंपोस्टिंग के दौरान ध्यान देने योग्य बातों सहित सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी वहीं उन्होंने कहा कि आठ दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान किसानों को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ले जाकर प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ असीम कुमार ने वर्मी कंपोस्टिंग के साथ सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने सभी किसानों को कृषि के साथ-साथ पशुपालन से किस प्रकार से जुड़ना है एवं उससे लाभ लेना है के संबंध में जानकारी दी। वही जनसंपर्क पदाधिकारी ने पशुपालन से जुड़े किसानों को पशुओं के टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने एवं उनका नियमित टीकाकरण अनिवार्य रूप से कराने के प्रति जानकारी दी।बैठक के दौरान जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने सभी किसानों से उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी लेते हुए वैसे किसान जिन्होंने कृषि क्षेत्र में ज्यादा मुनाफा कमाया है उनसे अपने क्षेत्र में अन्य किसानों को भी इस कार्य में जागरूक करने की अपील की। बैठक के दौरान जनसंपर्क पदाधिकारी ने आपदा के दौरान पशुओं की मृत्यु होने के उपरांत किस प्रकार से मुआवजा राशि प्राप्त करना है की प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से सभी किसानों को जानकारी दी।प्रशिक्षण के दौरान डीडीएम नाबार्ड श्री उपेंद्र कुमार ने उपस्थित किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री कृषि ऋण माफी योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ लेने की प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान अधिकारियों के द्वारा किसानों को कृषि कार्यों के दौरान आ रही समस्याओं के निष्पादन के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी गई वही परियोजना उपनिदेशक के द्वारा उपस्थित सभी किसानों को बेहतर तरीके से जैविक खाद बनाने हेतु अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक के दौरान परियोजना निदेशक आत्मा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, डीडीएम नाबार्ड, सहायक जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र से डॉ इंद्रजीत, किसानों सहित अन्य उपस्थित हैं।