विभिन्न क्षेत्रों में क्लब एवं सामाजिक संगठनों ने पंडाल में किया पूजा अर्चना
रामगढ़। विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी के दिन की जाती है। माना जाता है कि आज के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। यह हमारे वेदों में दर्ज हैं। कहा जाता है कि मां सरस्वती ज्ञान, साहित्य, संगीत और कला की देवी है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा आराधना की जाती है।
जिला के विभिन्न क्षेत्रों में बसंत पंचमी के दिन शनिवार को मां सरस्वती की विधि सम्मत पूजा अर्चना की गई। मां सरस्वती की पूजा को लेकर सामाजिक संगठनों एवं विभिन्न क्षेत्रों के युवकों ने पूजा पंडाल बना कर किया है। खासकर रामगढ़ शहर में सरस्वती पूजा को लेकर युवाओं ने इस बार कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए किया है।
शहर के विभिन्न मुहल्लों में युवाओं ने मां सरस्वती की पूजा धूमधाम से किया है। मां सरस्वती की पूजा को लेकर युवाओं ने दो दिन पूर्व से ही पंडाल का निर्माण और सजावट करना आरंभ कर दिया था। शहर के नईसराय,थाना चौक, झंडा चौक,जयसवाल कॉलोनी, मेन रोड, चट्टी बाजार, लोहार टोला रोड, बिजुलिया, पतरातू बस्ती सहित कई क्षेत्रों में मां सरस्वती की पूजा अर्चना भव्य पंडाल बना कर की गई है। पंडाल मैं आकर्षक सजावट एवं रंग-बिरंगे फूलों से सजाई गई है। वहीं बिजली की भी भव्य सजावट की गई है। शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्वाहन 10 बजे से मां सरस्वती की पूजा अर्चना आरंभ हुई जो अपराहन 3 बजे तक चलता रहा। पूजा पंडालों में पुजारियों ने विधि सम्मत पूजा अर्चना कराया। इसके बाद पूजा करने वाले एवं उपस्थित लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया । शाम के समय पूजा पंडालों में मां सरस्वती की आरती की गई। आरती के बाद पूजा पंडालों में पूजा समिति के लोगों ने प्रसाद का वितरण किया।