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भाषा विवाद को लेकर विधायक ममता देवी ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को सौंपा ज्ञापन

भाषा विवाद मामले में पुनर्विचार करे सरकार : ममता देवी

रामगढ़।झारखण्ड में दिन प्रतिदिन बढ़ रहे भाषा विवाद के मामले में रामगढ़ विधानसभा की विधायक श्रीमती ममता देवी ने झारखण्ड के कैबिनेट मंत्री सह नेता,कांग्रेस विधायक दल आलमगीर आलम से मिल कर राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जिला स्तरीय पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित किये जाने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं मे भोजपुरी, मगही एवं अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल करने के निर्णय पर कैबिनेट में पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
विधायक ने कहा कि कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, झारखंड सरकार के द्वारा दिनांक 27- 12 -2021 को प्रकाशित गजट अधिसूचना में झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा जिला स्तरीय पदों में नियुक्ति के लिए आयोजित किए जाने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम के पत्र -(2)दो में विभिन्न जिलों में भोजपुरी, मगही एवं अंगिका भाषा को भी क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल किया गया है। इस अधिसूचना के प्रकाशन के बात से ही राज्य के अधिकांश जिलों के बहुसंख्यक स्थानीय एवं मूलवासी आम जनता, खासकर शिक्षित बेरोजगार छात्र-छात्राओं में आक्रोश व्याप्त है। वे विभिन्न जिलों में सड़क पर उतर कर भी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।सभ्य समाज द्वारा भी इस निर्णय पर आपत्ति दर्ज की जा रही है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस मुद्दे पर लगातार अभियान चलाया जा रहा है।जिसके कारण राज्य सरकार की ‘झारखंडी’ छवि धूमिल हो रही है।
झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा जिला स्तरीय पदों के लिए आयोजित किए जाने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं में भोजपुरी, मगही एवं अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने के निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए इन्हें यथाशीघ्र हटाने का आग्रह किया।