Breaking News

पासवा के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मिला

स्कूलों में छोटे बच्चों पर विशेष सतर्कता रखने की जरूरत: मुख्य सचिव

रांची। प्राईवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन, पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे के नेतृत्व में प्रदेश उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव, अरविन्द कुमार, विनीता पाठक नायक,कैलाश कुमार, ललित मिश्रा,गौरव कुमार सहित एक शिष्टमंडल ने आज राजधानी रांची के प्रोजेक्ट भवन स्थित राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मुलाकात 17 जिलों में पहली कक्षा से और अन्य शेष जिलों में क्लास 9 से ऊपर स्कूल खोलने के प्रति आभार जताया।
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए और स्कूल संचालकों के आग्रह पर स्कूलों को खोलने का निर्णय ले लिया गया है।लेकिन सभी स्कूल संचालकों से आग्रह है कि वे कोरोना प्रोटोकॉल और गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें। क्योंकि अभी कोरोना संक्रमण का खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी सरकारी स्कूलों को भी इस दिशा में आवश्यक दिशा निर्देश दिया जा रहा है।ताकि स्कूल खुलने से बच्चों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
इस मौके पर पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने बताया कि झारखंड में करीब 47 हजार प्राईवेट स्कूल संचालित है और इन स्कूलों में लाखों बच्चे पढ़ाई कर रहे है। उन्होंने बताया कि पासवा की ओर से सभी निजी स्कूलों के लिए आवश्यक गाइडलाइन जारी किया जाएगा और यह अपील की जाएगी कि कोरोना गाइडलाइन का पालन के साथ ही अपने स्कूलों में आइसोलेशन वार्ड भी तैयार रखे, जहां स्कूल की अवधि में किसी भी बच्चे की तबीयत बिगड़ने की स्थिति में तत्काल उन्हें प्राथमिक चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करायी जा सके।
पासवा के प्रदेश उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि 17 जिलों में पहली क्लास से स्कूल खोलने का निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन अन्य सात जिलों में भी क्लास 1 से स्कूल खोलने का आग्रह किया गया, जिस पर मुख्य सचिव की ओर से यह भरोसा दिलाया गया है कि अगले 10-12 दिनों में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के बाद सरकार आवश्यक कदम उठाएगी।
पासवा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार ने कहा कि निजी स्कूल की अन्य समस्याओं और मांगों से भी मुख्य सचिव को अवगत कराया गया, जिस पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बातचीत करने का भरोसा दिलाया है।विनीता पाठक नायक ने कहा महाराष्ट्र के बाद झारखण्ड ही दूसरा राज्य है जिसने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए बड़ा फैसला लिया।