बड़कागांव संवाददाता
विधायक अंबा प्रसाद ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।केंद्र सरकार द्वारा वार्षिक बजट के खिलाफ प्रतिक्रिया देते हुए अंबा प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट मुंगेरीलाल के हसीन सपने जैसा प्रतीत होता है।उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान बेरोजगारी चरम सीमा पर है।युवाओं को रोजगार के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। महंगाई ने गरीबों का जीना दुभर कर दिया है। महंगाई के इस दौर में गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए किसी भी तरह की राहत नहीं है। यह एक ऐसा बजट है जो भारत को 25 साल और पीछे करने जा रही है। केंद्र सरकार भारत को 100 वर्ष का बजट बता रही है लेकिन वस्तु स्थिति यही है कि अच्छे दिनों के सपने को सिर्फ बंद आंखों से ही देख सकते हैं।उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दैनिक गरीबों, किसानों और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए कुछ नहीं किया है। सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी बातों को भुनाना चाहती है जिसका कोई मतलब नहीं है| सरकार ने रेलवे के लिए 1 लाख 48 हजार 528 करोड़ रुपए दिए हैं।पर इससे आम रेल यात्रियों के लिए कोई फायदा नहीं होगा।
मध्यम वर्ग को करों में कोई छूट नहीं मिल पाई, और तो और उनके रोजमर्रा की वस्तुएं महंगे होने से जेब पर उल्टा असर पड़ेगा। ये बजट ‘अच्छे दिनों’ को और दूर धकेलता दिख रहा है तथा भारत वासियों के साथ विश्वासघात किया गया है।आम आदमी के हिस्से में एक बार फिर मायूसी ही आई है।मोदी सरकार की अनर्थनीति ने देश पर ऋण बढ़ाने का ही काम किया है।रोजगार के वादे खोखले निकले।बोले थे कि 2 करोड़ रोज़गार हर साल देंगे यानी 7 साल में 14 करोड़ रोज़गार, उल्टा कोरोना में कोरोना में 12 करोड़ रोजगार चले गए।कहा था 2022 तक किसान की आय दुगनी होगी।केंद्र सरकार गरीबों, किसानों, युवाओं, मध्यम वर्ग की विरोधी सरकार है।