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धनबाद : अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से कई मजदूरों की मौत की संभावना

  • निरसा में बंद पड़ी खदानों से हो रहा बड़े पैमाने पर अवैध खनन
  • धनबाद जिला में बड़े पैमाने पर चल रहा कोयले का अवैध खनन और कारोबार

धनबाद। झारखंड प्रदेश के उत्तरी छोटानागपुर के चार जिलों में कोयले का अवैध खनन और कारोबार जोर शोर से चल रहा है। खासकर उत्तरी छोटानागपुर के धनबाद,बोकारो, रामगढ़ और हजारीबाग जिला से धड़ल्ले से कोयला का अवैध कारोबार चल रहा है। धनबाद जिले में कोयले का अवैध धंधा युद्ध स्तर पर चल रहा है। हजारों-हजार मजदूर रोजाना अवैध कोयला काटने के लिए अवैध खदान में उतर रहे हैं। इस दाैरान हर रोज कहीं न कहीं दुर्घटना हो रही है और मजदूरों की जान जा रही है। मंगलवार सुबह निरसा पुलिस अनुमंडल क्षेत्र में बीसीसीएल और ईसीएल की बंद कोयला खदान में अवैध खनन के दाैरान कई मजदूरों की माैत हो गई। कई के कोयले के नीचे दबे होने की आशंका है। हादसे के बाद पुलिस मामले की लीपापोती में जुट गई है।
आउटसोर्सिंग परियोजना में अवैध ढंग से कोयला उत्खनन कराने के लिए कोयला कारोबारियों द्वारा दूसरे स्थानों से मजदूरों को बुलाकर कोयला उत्खनन कार्य धड़ल्ले से कराया जा रहा है। इन दिनों मुगमा क्षेत्र में हजारों लोग दुसरे स्थानों से आकर कोयला उत्खनन करने का काम कर रहे हैं। जिसका कोई पहचान कोयला उत्खनन करने वालों के पास नहीं रहता है। ऐसे में जब दुर्घटना घट जाती है तो मजदूर मंगाने वाले कोयला कारोबारी चुप्पी साध लेते हैं।
लोगोें का कहना है कि जिस प्रकार आउटसोर्सिंग से धड़ल्ले से कोयला की लूट हो रही है। ऐसे में हर कोई कोयले की काली कमाई में हाथ धोना चाहती है। जिसका नतिजा है कि सप्ताह या महीना के अंदर ऐसी घटना की पुर्नावृति हो रही है। लोग जान जोखिम में डालकर कोयला चुनने चले जाते हैं । दुर्घटना घटने का कारण यह भी है कि इसीएल प्रबंधन द्वारा रोजना ब्लास्टिंग की जाती है। जिससे जमीन ढीला हो जाती है। जब लोग कोयला उत्खनन या चुनने जाते हैं तो उसकी चपेट में आ जाते हैं । वही धनबाद पुलिस इस घटना से अनभिज्ञता जारी कर रही है। पुलिस ऐसी कोई घटना से इंकार कर रही है।