झारखंड में कांग्रेस को मजबूती की दिशा में हुई पहल
प्रदेश प्रभारी की उपस्थिति में सुखदेव भगत और प्रदीप बालमूचू कांग्रेस में लौटे
रांची। झारखंड में कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने के लिए पार्टी नेतृत्व ने तैयारी शुरू कर दिया है। झारखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू और सुखदेव भगत की घर वापसी हो गयी है।सोमवार को कांग्रेस के नये प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और सह प्रभारी उमेश सिंघार की मौजूदगी में प्रदीप कुमार बलमुचू और सुखदेव भगत को माला पहनाकर उनका स्वागत किया।इस मौके पर झारखंड के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री बादल पत्रलेख, फुरकान अंसारी, ददई दुबे, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि हमने गलतियां की थी।जिस कारण इस परिवार को छोड़ दिये थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन में जब हम आये तो कांग्रेस का महत्व नहीं समझते थे।लेकिन कांग्रेस छोड़ने के बाद दो साल तक वनवास रहा और लगा कि हम घर से बाहर हो गये है। अब उसका महत्व समझ आया है। गलतियां हुई थी। लेकिन अब वादा है कि आने वाले समय में फिर से गलतियां नहीं करेंगे जो भी होगा, वह कांग्रेस से ही होगा। हमारी अर्थी भी कांग्रेस से ही निकलेगी।उन्होंने कहा कि हम विश्वास दिलाते है कि पार्टी को काफी मजबूत बनायेंगे।अपनी फिर से घर वापसी पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि यह दिन काफी भावुक होने वाला है। परिस्थिति हमने राजनीतिक भूल की थी। उसको सुधारने का मौका मिला है। इसके लिए हम प्रभारी अविनाश पांडेय और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आभारीहैं । परिस्थितिवश हमने राजनीतिक भूल की थी, उसको सुधारने का मौका मिला है. इसके लिए हम प्रभारी अविनाश पांडेय और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी के प्रति काफी आभार जताते है। उन्होंने कहा कि हमारे डीएनए में कांग्रेस ही रहा है। हम जहां भी रहे, वहां कांग्रेसी ही रहे । कहा कि मेरी जब भी शव यात्रा निकलेगी, कांग्रेस के ही झंडे में लिपटकर निकलेगी। मुझे काफी आत्मग्लानी हुई है। मैं इस लायक नहीं था कि वापस आ सकूं। लेकिन वापसी कर ली गयी, यह गलती सुधार लिये और गांधीवादी विचारधारा को आगे ले जायेंगे और गोडसे विचारधारा को करारा जवाब देंगे। शून्य से फिर से शुरु करूंगा और दायित्वों का निर्वह्न करूंगा।