किसानों से खेल करना देश के लिए आत्मघाती हो सकता है : बीएन सिंह
मेदिनीनगर: देशव्यापी विश्वासघात दिवस के मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा पलामू के द्वारा दस सूत्री मांग को लेकर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष उग्र प्रदर्शन किया गया ।इसके बाद राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को मांग पत्र सौंपी गई ।इस मौके पर मोर्चा के प्रमंडलीय नेता बीएन सिंह ने कहां की तीन कृषि काला कानून को लेकर देश के किसानों ने लगातार आंदोलन करते रहे।परिणाम स्वरूप केंद्र सरकार को तीनों कानून वापस लेना पड़ा। लेकिन इस दौरान केंद्र सरकार ने देश के किसानों के समक्ष जो वादा किया था। उसे आज तक पूरा नहीं किया गया है ।उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में चलाए जा रहे किसान आंदोलन के तहत राज्य सरकार द्वारा किसानों के विरुद्ध जो मुकदमा दर्ज किए गए थे।उसे आज तक वापस नहीं लिया गया है। यहां तक कि आंदोलन में शहीद हुए किसानों को आज तक राज्य सरकारों द्वारा किसी प्रकार की कोई मुआवजा नहीं दी गई है। श्री सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार आंदोलन को समाप्त करने के पूर्व जो वादा देश के किसानों के समक्ष किए थे। उसे पूरा करें। वरना हम सभी लाचार होकर पुनः आंदोलन करने पर बाध्य होंगे। देश के किसानों के साथ खिलवाड़ करना पूरे देश के लिए आत्मघाती हो सकता है। इसलिए सरकार इस पर अपनी संवेदनशीलता को दर्शाए।उन्होंने राष्ट्रपति से मांग करते हुए कहा कि सरकार के धोखाधड़ी को संज्ञान में लेते हुए इस पर तत्काल कोई ठोस निर्णय लेने की जरूरत है। किसानों के बदौलत ही यह देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हुआ है ।किसानों के अथक प्रयास से ही आर्थिक मंदी और लॉकडाउन के बावजूद भी कृषि उत्पादन लगातार बढ़ा है। जिला अध्यक्ष प्रदीप विश्वकर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दिया जाए।शहीद किसानों के परिजनों को मुआवजा अभिलंब केंद्र सरकार या राज्य सरकार दे, साथ ही किसान आंदोलन के तहत किसानों के विरुद्ध जो मुकदमे दर्ज किए गए थे ।उसे वापस लिया जाए ।मुख्य रूप से कपिल प्रजापति ,कमलेश सिंह चेरो, लल्लन प्रजापति, पवन विश्वकर्मा, द्वारिका राम, शिवनाथ महतो ,राजकुमार सिंह ,जुम्मा देवी,नीरो देवी ,मीना देवी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।