Breaking News

सीसीएल बरकासयाल में अवैध निर्माण और अतिक्रमण जारी

भुरकुंडा थाना मैदान के अतिक्रमण पर खुली नींद

अतिक्रमण करनेवालों पर केस करने और बुलडोजर चलवाने की दी चेतावनी 

अवैध निर्माण और जमीन कब्जे से बदल गई भुरकुंडा की तस्वीर, अब ढूंढ रहे वैध-अवैध की परिभाषा 

ऑफिसर्स क्लब में हुई लोक सुनवाई में भी राजस्व ग्राम के रैयतों ने भुरकुंडा में अवैध निर्माण और जमीन कब्जे पर सीसीएल प्रबंधन को लगाई थी लताड़

भुरकुंडा (रामगढ़): बीते एक दशक में सीसीएल बरकासयाल में बड़े पैमाने पर हुए अवैध निर्माण और बढ़ते अतिक्रमण ने क्षेत्र की तस्वीर बिगाड़ दी है। खासकर भुरकुंडा में सीसीएल की तथाकथित जमीन पर धड़ल्ले से सैकड़ों पक्के दुकानोंं और मकानों का निर्माण हुआ है। एजबेस्टस के दुकान-मकान अब कॉम्पलेक्स और बंग्लो में तब्दील हो चुके हैं।

इधर भुरकुंडा थाना मैदान के एक छोर पर हुए अतिक्रमण पर सीसीएल की नींद खुली है। जानकारी के अनुसार शिकायत पर भुरकुंडा मैदान पहुंचे महाप्रबंधक अमरेश कुमार सिंह ने इस पर नाराजगी जताई है। अतिक्रमणकारियों को जगह खाली करने का अल्टीमेटम जारी किया गया है। वहीं आश्चर्य की बात यह है कि एक ईंट भी हिलने की सूचना पर ‘ड्यूटी’ निभानेवाले सुरक्षा विभाग और  प्रबंधन को मैदान में कई दिनों पहले शुरू हुआ निर्माण नहीं दिखाई पड़ा। सवाल यह उठता है कि क्या थाना मैदान के अस्तित्व पर गहराते अतिक्रमण के बादल वाकई स्थायी रूप से हट पाएंगे? 

जानकार बताते हैं कि भुरकुंडा का सूरत-ए-हाल यहां के पैंठवाले लोगों और स्थानीय प्रबंधन की मिलीभगत और बंदरबांट का नतीजा है। इससे सीसीएल की बिजली-पानी का भी जमकर दोहन बढ़ा है। अवैध निर्माण से बिजली-पानी पर सीसीएल का खर्च बढ़ता जा रहा है और मुफ्तखोरों के तेवर भी बढ़ते जा रहे हैं। अमूमन कहीं न कहीं अवैध निर्माण की बातें सामने आती रहती है। शिकायत और रोक बावजूद काम पूरा भी हो जाता है। कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं होती है। इधर, सीसीएल के क्वार्टरों पर भी बाहरी लोगों का कब्जा बढ़ता जा रहा है। आधे से अधिक क्वार्टरों में अवैध कब्जा है। कई लोग क्वार्टरों का व्यवसायिक उपयोग भी कर रहे हैं। पूरे बरकासयाल प्रक्षेत्र की बात करें तो कई तथाकथित नेताओं ने दो और उससे अधिक क्वार्टरों पर कब्जा कर रखा है। चर्चा है कि कई क्वार्टरों को किराए पर लगाकर बैठे बैठे कमाई भी कर रहे हैं और उल्टे प्रबंधन और सीसीएलकर्मियों को नैतिकता का पाठ भी पढ़ाते दिखते हैंं। 

रैयतों ने जमीन कब्जे पर जताई थी नाराजगी

बीते दिनों सीटीओ के मसले पर पर्यावरण स्वीकृतिके लिए रीवर साइड ऑफिसर्स क्लब मेंं बुलाई गई लोक सुुनवाई मेें राजस्व ग्राम के रैयतों ने पूरी सुनवाई के दौरान भुरकुंडा में मिलीभगत से कराये जा रहे अवैध निर्माण और जमीन कब्जा को लेकर सीसीएल प्रबंधन को जमकर लताड़ लगाई थी। प्रबंधन की ओर से इस मुद्दे पर ठोस रूप से कोई सफाई देते भी नहीं बनी। रैयतों ने चेतावनी भी दी कि सीसीएल की यही नीतियां रहींं तो 100 वर्षों से जमीन देकर भी बदहाली झेल रहे रैयत अपनी जमीन वापस लेकर दिखा देंगे। 

भुरकुंडा में अवैध निर्माण की आड़ में पैसे का खेल

बीते कुछ माह पूर्व भुरकुंडा मेन रोड संकट मोचन मंदिर के समीप एक दुकान की चोरी छीपे रातों रात ढलाई की शिकायत पर सीसीएल सुरक्षा विभाग ने चेतावनी देकर रूकवाया था। मामले में बड़े पैमाने पर बंदरबांट की चर्चा भी हुई थी। रोक के बावजूद दुकान की ढलाई नाटकीय ढंग से पूरी भी हो गई और प्रबंधन कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं कर सकी। इससे समझा जा सकता है कि भुरकुंडा में पैंठ और पैसे के बूते सीसीएल की नीतियों और वैध-अवैध की परिभाषा ही बदल दी जा रही है।