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पूर्व विधायक ने छावनी परिषद रामगढ़ के सीईओ को लिखा पत्र

गैर कानूनी तरीके से बनी ईमारतों को ध्वस्त करने की मांग की
कहा, जनता के मालिक नहीं, सेवक की तरह करें काम
रामगढ़ : पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने रामगढ़ छावनी परिषद के सीईओ को पत्र लिखकर शहर में  गैरकानूनी तरीके से बनी ईमारतों को ध्वस्त करने की मांग की है। पत्र में पूर्व विधायक ने छावनी परिषद की कार्यशैली पर रोष जताते हुए लिखा है कि 15 जनवरी समाप्त होने के बावजूद छावनी परिषद ने गैर कानूनी तरीके से बनी इमारत पर न किसी प्रकार की कार्रवाई की है और ना ही अबतक धवस्त करने की पहल की गई है। नियम के विरुद्ध कई इमारतों के बेसमेंट में बैंक और दुकानें अब भी चल रही है। कार्रवाई नहीं होने से साफ प्रतीत हो रहा है कि सीईओ पूंजीपतियों की ढाल बनकर उनके साथ खड़े हैं।


पूर्व विधायक ने सीईओ से कहा है कि आपके द्वारा दिये गये प्रेस बयान में कहा गया कि भवन और बेसमेंट के संबंध में नयी बायलॉज और नियम मंजूरी के लिए भेजे गये हैं, जो बेहद हास्यास्पद है। प्रतीत हो रहा है कि आप पूंजीपतियों के वकील बनकर उनकी वकालत करने में लग गये हैं और वकील की तरह वकालत की फीस भी ले रहे हैं। जबकि आपको छावनी के नियमों की रक्षा करनी चाहिए। आपको जनता के मालिक की तरह नहीं, बल्कि सेेवक की तरह काम करना चाहिए। 
शंकर चौधरी ने एक होटल के भवन का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस प्रकार के गैर कानूनी तरीके से बने 10 भवन (लोगों) की सूची भी दे सकते हैं। पूर्व विधायक ने कहा कि आपके बयान  में कहा गया कि मैं चार लोगों के लिए आंदोलन कर रहा हूं। तो क्या तीन-चार लोगों के लिए आंदोलन करना गुनाह है। जरूरत पड़ने पर मैंने एक आदमी के लिए भी आंदोलन किया है और आगे भी करूंगा।