प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता कर प्रधानमंत्री का जताया आभार
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने टीकाकरण में किया मिशाल कायम : दीपक प्रकाश
कहा, हेमन्त सरकार ने दिखाई उदासीनता, झारखंड टीकाकरण में 21वें स्थान पर
अब तक केवल 50% जनता को मिला दोनों डोज
रांची।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने देश में वैक्सीनेशन अभियान के एक वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयास से एक वर्ष में 156 करोड़ टीकाकरण करके देश ने दुनिया मे मिशाल कायम किया है।उन्होंने कहा कि कोरोना संकट शुरू होते ही देश में अप्रैल 2020 को पीएम ने एक टास्क फोर्स का गठन किया था।उन्होंने कहा कि 16 जनवरी 2021 को एक फ्रंट लाइन वर्कर मनीष कुमार को पहला टीका लगा था।तब से लेकर एक साल हो गये हैं।आज के दिन पहला टीका से लेकर अब तक 158 करोड़ वैक्सीनेशन का सफर तय किया जा चुका है। 18 और इससे ऊपर की उम्र की आबादी का 93 प्रतिशत जनता पहला डोज ले चुकी है।69.5 प्रतिशत को दूसरा डोज भी मिल चुका है।
श्री प्रकाश ने कहा कि कांग्रेस शासन में किसी भी महामारी, बीमारी के लिए टीकाकरण अभियान शर्मनाक रहा है। टीबी का वैक्सीन 1921 में इजाद हुआ।भारत में यह 1978 में आया।इसी तरह दुनिया में पोलियो का 1955 में टीका आया जबकि देश को यह 1985 में मिला। हेपेटाइटिस बी का टीका 1935 में तैयार हुआ जो भारत को 2003 में मिला।चिकन पॉक्स के लिये 1955 में तैयार हुआ लेकिन 2005 में इस देश को उपलब्ध हुआ।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट शुरू होने से लेकर अब तक दो सालों के भीतर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और देश के वैज्ञानिकों की मदद से 3 वैक्सीन लाये जा चुके हैं ,जो अपने आप मे एक ऐतिहासिक कार्य है।
श्री प्रकाश ने कहा कि जब देश में वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा था तो कांग्रेस की भूमिका संदिग्ध रही।कांग्रेस पार्टी के बड़े-बड़े नेता राहुल गांधी, आनंद शर्मा, पी चिदंबरम, राशिद अल्वी, शशि थरूर ने इसे भगवा और मोदी वैक्सीन कहा था।लोगों को इसका उपयोग करने से मना किया था। इसके बहिष्कार करने की घोषणा की थी। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा था कि वैक्सीन के नाम पर देश के लोगों को प्रयोगशाला का चूहा नहीं बनाना चाहिये।बंगाल के सीएम ममता बनर्जी ने तो वैक्सीन के मसले पर पीएम संग बैठक का बहिष्कार किया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में वैक्सीनेशन अभियान को साजिश के तहत कमजोर किया गया।उन्होंने कहा कि झारखंड में 37.3% वैक्सीन बर्बाद किया गया। वहीं छत्तीसगढ़ में 30.2% बर्बाद हुए। 15.5 % वैक्सीन तमिलनाडु में नाली में फेंक दिये गये। राजस्थान में भी टीका कुड़ादान में पाया गया। केंद्र के भेजे गए वैक्सीन पंजाब में 1500 रुपये से अधिक कीमत पर निजी अस्पतालों में कालाबाजारी कर बेचे गये।उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान में झारखंड 21वें स्थान पर है। राज्य के मुख्यमंत्री एवँ सत्ताधारी दल के लोगों को आत्मचिंतन करने की जरूरत है। झारखंड में अब तक 50% को ही दोनों डोज लगे हैं।