लाश पर राजनीति नहीं करें विपक्ष : सुनिल तिवारी
मेदिनीनगर :नावा बाजार के पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव के खुदकुशी मामले में राजनीतिक दलों से आम लोगों को बाज आना चाहिए।यह घटना दुखद है मगर यह प्रशासनिक पदाधिकारी को हथियार बनाकर सरकार को बदनाम करने एवं लोगों को दिग्भ्रमित करने के काम किया जा रहा है। किसी भी पदाधिकारी की असामयिक मृत्यु की घटना दुखद है। परिवार के प्रति झामुमो की गहरी सहानुभूति है।उक्त बातें जेएमएम के केंद्रीय सदस्य संजीव तिवारी ने प्रेस वार्ता कर कहा।उन्होंने कहा कि मृतक दारोगा के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई पुलिस अधीक्षक ने जिला परिवहन पदाधिकारी के शिकायत पर एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से जाँच कराकर किया।जो सरकारी प्रकिर्या के तहत किया गया है। पुलिस अधीक्षक के द्वारा निलंबन की कार्रवाई एक प्रशासनिक कदम है।उन्होंने कहा कि हेमन्त सरकार के विकास को देख कर भाजपा घबड़ा गई है।सुनील तिवारी ने सांसद पर प्रहार करते हुए कहा वे ईमानदरी का प्रमाण पत्र दे रहे हैं।
सांसद से अनुरोध है कि पलामू जिला में कौन- कौन पदाधिकारी ईमानदार हैं।जिनके विरुद्ध किसी भी परिस्थिति में कार्रवाई न की जाए।उसकी सूची प्रकाशित कर दें ताकि भविष्य में वरीय पदाधिकारी उनसबो के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करेंगे। या कार्रवाई करने से पहले सांसद का अनुमोदन प्राप्त कर ही करेंगे।उन्होंने कहा कि सांसद जब डीजीपी थे।तो उनपर जासूसी के लिए आबंटित रकम के गबन का गंभीर आरोप लगा था।उन्हें ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांटना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य नेताओं ने भी अनावश्यक बयान दिया है।जिन नेताओं की अकर्मण्यता के चलते जनता के बीच साख कम हो रही है वैसे नेता ही इस दुखद घटना के सहारे बयानवीर बनने का प्रयास कर रहे हैं।नेता द्वय ने कहा कि वर्तमान पुलिस अधीक्षक पलामू जिला में सामाजिक क्रियाकलापों के द्वारा जनता के बीच गहरी पैठ बना लिए हैं। एवं कार्यालय में जनता से सीधे मिलकर उनकी समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं।उससे दलालों एवं दलाल किस्म के नेताओं के पेट में काफी दर्द हो रहा है।यह हमलोग भली भांति जानते हैं।लेकिन हेमंत सरकार में ऐसे ईमानदार एवं जनसहयोगी पदाधिकारी को ही प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सांसद ने एक बड़ा ही भ्रम उत्पन्न करने वाला बयान दिया है। वे कहते हैं कि मृतक दारोगा लालजी यादव कहते थे।कि छत्तीसगढ़ से बिहार जा रहे व्यवसायी के अपहरण कांड के बारे मे यदि मुंह खोल देंगे।तो कई बड़े अधिकारी बेनकाब हो जाएंगे।अपहरण की घटना वर्तमान पुलिस अधीक्षक के समय में नहीं हुई थी। वर्तमान पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में तो अपहरण कांड का उदभेदन हुआ और शामिल अपराधी पकड़े गए।
फिर वे उस बात को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उठाकर क्या भ्रम पैदा करना चाहते हैं।इस मामले में जाँच किया जा रहा है। जाँच के बाद सबकुछ साफ हो जायेगा।प्रेस वार्ता में मनोज गुप्ता मुना सिन्हा व अन्य उपस्थित थे।