बरकाकाना (रामगढ़) : डीएवी बरकाकाना में बुधवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की शुरूआत बतौर मुख्य अतिथि प्राचार्या सह क्षेत्रीय अधिकारी डॉ उर्मिला सिंह ने विधिवत स्वामी विवेकानंद के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर किया। इसके उपरांत डीएवी परिवार के अन्य सदस्यों ने भी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. उर्मिला सिंह ने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को उनके व्यक्तित्व का अनुसरण करने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने सफलता के लिए तीन बातें आवश्यक बताई है- शुद्धता, धैर्य एवं दृढ़ता।
कहा कि स्वामी विवेकानंद को इस बात का गहरा दुख था कि भारत के नवयुवकों की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा नौकरी पाने की होती है, युवाओं के आगे आज सबसे बड़ा संकट आत्मशक्ति, आत्मबोध का है, इसलिए वे जीवन में किसी बड़े ध्येय की तरफ धैर्यपूर्वक बढ़ने का न तो निर्णय ले पाते है, न ही साहस दिखा पाते हैं। निराशा से भरे जीवन को ऊर्जा से भर देने वाले उनके विचारों के चलते ही स्वामी जी के जन्मदिन को देशभर में राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसके बाद बच्चों ने ऑनलाइन के माध्यम से स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित मनमोहक नाटक की प्रस्तुति की।