रामगढ़ जिला में शुरू हो सकता है हत्याओं का दौर
पतरातू में अशोक पांडेय की हत्या से गैंगवार की हो सकती है शुरुआत
पतरातु(रामगढ़)। जिला में ऐसे ही अपराधों एवं अपराधियों का मनोबल काफी तेजी से बढ़ा है। पिछले कुछ महीने को देखें तो अपराधिक घटनाएं घटती जा रही है। पुलिस अपराधियों को पकड़ पाने में नाकामयाब दिख रही है। जिला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बीच आपसी सामंजस्य की कमी नजर आ रही है। जिसका सीधा फायदा अपराधी उठा रहे हैं। जिसके कारण जनता त्राहिमाम कर रही है।
जिला के पतरातू थाना क्षेत्र में शनिवार की शाम हुई अशोक पांडेय की हत्या के बाद एक बार गैंगवार फिर शुरू हो सकता है। पतरातू में अशोक पांडे की हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। हत्या के बाद से ही क्षेत्र के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हो गए। अशोक पांडे की हत्या के दूसरे दिन रविवार को भी पतरातू की अधिकतर दुकानें बंद नजर आई। दहशत का असर यह रहा कि व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग घरों में ही रहना उचित समझे। बाजार की दुकान बंद होने के कारण ऐसे भी लोग घरों से नहीं निकले। वही अशोक पांडेय की हत्या के दूसरे दिन भुरकुंडा कोयलांचल में भी इसका असर दिखा। कई क्षेत्र के व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद होने की बात सामने आई है। जानकारों ने बताया कि शनिवार की शाम 6 बजे के लगभग अशोक पांडे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अशोक पांडे की हत्या में कितने लोग शामिल हैं और कैसे आए और कैसे गए। यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। कई तरह की बातें आपस में लोग कर रहे हैं। वहीं लोगों में इस बात का डर है कि आने वाले समय में फिर एक बार पतरातू थाना क्षेत्र में गैंगवार छिड़ सकता है। फिर एक बार हत्याओं का दौर शुरू हो सकता है। ऐसे अशोक पांडेय की हत्या के बाद पतरातू पहुंचे रामगढ़ के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने पतरातू में कहा कि अशोक पांडे का आपराधिक इतिहास रहा है। पुलिस अपराधियों को धर पकड़ के लिए काम कर रही है। वही अशोक पांडेय की हत्या के बाद से पतरातू में पुलिस कई स्थानों पर छापामारी किया है। पुलिस ने शक के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है। वहींं अशोक पांडे की हत्या क्यों की गई ? इसमें कौन लोग शामिल हैं ? क्या रामगढ़ पुलिस हत्यारों को दबोच पाएगी ? ऐसे अनेक प्रश्न लोगों के जेहन में है। हत्यारे अपना काम कर गये। देखना यह है कि पुलिस हत्यारों को पकड़कर हत्या की गुत्थी कब तक सुलझाती है।