रॉंची। झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता आभा सिन्हा ने कहा है कि पेट्राल और डीजल की जो कीमतें हैं। उसकी एक डायनेमिक प्राईसिंग होती है।अर्थात उसकी कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती है।पर मोदी जी की डायनेमिक प्राइसिंग क्या है, वो यह है कि चित्त मैं जीता, पट तुम हारे। मतलब अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ेंगी, तो हम पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा देंगे और यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटेंगी, तो हम मौन व्रत धारण कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि दिवाली 2021 से एक दिन पूर्व पेट्रोल पर 5 रूपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रूपए प्रति लीटर की एक्साइज डयूटी केन्द्र सरकार ने कम की थी। पर उस दिन से लेकर आज तक कच्चे तेल की कीमतें देश में पेट्रोल में 8 रूपए प्रति लीटर कम हो गई, पर केन्द्र सरकार ने कीमतें कम नहीं की। 5 रूपए प्रति लीटर की कमी का पेट्रोल में झुनझुना थमा कर देशवासियों को कच्चे तेल के दामों में हुई 8 रूपए प्रति लीटर की कमी से मोदी सरकार ने वंचित कर दिया। यदि पेट्राल और डीजल की एक्साइज डयूटी को 2014 के स्तर पर ला दिया जाय और कच्चे तेल की कीमतों में जो घटत हुई है। उसका लाभ देशवासियों को दिया जाय, तो डीजल में 25 रूपए 24 पैसे प्रति लीटर और पेट्रोल में 26 रूपए 42 पैसे प्रति लीटर की कमी की जा सकती है।म
तलब लूटने का काम सिर्फ केन्द्र सरकार का रहेगा, जब कमी होगी, तो उसका लाभ देशवासियों को नहीं मिलेगा। एक तरफ तो सारी आवश्यक वस्तुओं के दाम दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। भले ही वो कपड़े हों, जूते हों, खाने का तेल हो, गैस सिलेंडर हो, भले ही वो सब्जियों के दाम हो, भले ही वो चायपत्ती हो, भले ही वो राजमा हो, भले ही वो दलहन हो, पिछले सात सालों में कैसे इन चीजों के दाम बढ़े।
अगर हम तुलना करें एक्साइज डयूटी की, जो आज केन्द्र सरकार पेट्राल और डीजल पर लेती है, उसको हम 2014 से अगर तुलना करें, तो पेट्रोल पर 2014 में जब यूपीए की सरकार थी, जब 9 रूपए 48 पैसे प्रति लीटर एक्साइज डयूटी ली जाती थी। वो आज बढ़कर 27 रूपए 90 पैसे हो गई। मतलब घटत के बाद आज की करंट एक्साइज डयूटी बता रहा हूूं। जो डीजल पर 3 रूपए 56 पैसे प्रति लीटर एक्साइज डयूटी ली जाती थी, वो आज बढ़कर 21 रूपए 80 पैसे प्रति लीटर हो गई, अर्थात अगर हम एक्साइज डयूटी को यूपीए के लेवल पर ले जाएं, तो पेट्रोल में 18 रूपए 42 पैसे और डीजल में 18 रूपए 24 पैसे प्रति लीटर की कमी हो जाए और अगर इसके अंदर हम कच्चे तेल की घटी कीमतों का लाभ जोड़ दें जो 8 रूपए पेट्रोल पर और 7 रूपए प्रति लीटर डीजल पर है तो देशवासियों को आज ही पेट्रोल 26 रूपए 42 पैसे प्रति लीटर कम में मिलना चालू हो जायेगा और डीजल 25 रूपए 24 पैसे प्रति लीटर से कम में मिलना चालू हो जायेगा।
हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्यों देशवासियों को पेट्रोल के अंदर साढ़े 26 रूपए लगभग और डीजल के अंदर 25 रूपए 24 पैसे प्रति लीटर की कमी से वंचित किया जा रहा है?