मेदिनीनगर: रंगकर्मी सफदर हासमी की याद में इप्टा की ने साल के पहले दिन संकल्प सभा के रूप में मनाया। इप्टा कार्यालय में आयोजित सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ रंगकर्मी प्रेम प्रकाश ने किया। मौके पर मौजूद इप्टा के झारखंड राज्य महासचिव उपेंद्र मिश्रा ने सफदर हासमी की रंगकर्म के प्रति प्रतिबद्धता और उनके समर्पण को बताते हुए उन्हें संघर्ष की प्रतिमूर्ति कहा। जिन्होंने अपने कलाकर्म के जरिए शोषित, पीड़ित जनता की आवाज बुलंद किया। और इस आवाज को एक जनवरी के दिन ही सत्ता ने खामोश कर दिया। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले का दौर काफी पुराना है। यह सत्ता का चरित्र ही है कि उसके विरोध में उठनेवाली हर वो आवाज को दबा दी जाय। जो उसके खिलाफत करता हो। हाल के दिनों में यह हमले तेज हुए हैं ।और इसका स्वरूप सांगठनिक बन गया है। ऐसे दौर में इप्टाकर्मियों को सांगठनिक चुनौती के रूप में लेना होगा। और अपनी कला को अभिव्यक्ति का हथियार बनाते हुए इसे और धारदार तरीके से जनता के बीच ले जाना होगा। उन्होंने उसी हमले में शहीद हुए दर्शक रामबहादुर को भी याद किया। और कहा कि कला की असली नायक जनता है ।इसे दर्शक रामबहादुर में साबित किया।सभा में राजीव रंजन, प्रेम कुमार, रविशंकर, संजीत दूबे, अजीत ठाकुर आदि ने भी अपना-अपना विचार रखा।नये साल में इप्टा के कलाकारों ने संकल्प लिया कि शांति, प्रगति और वैज्ञानिक समाजवाद को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर सृजनात्मक व रचनात्मक कलाकर्म की प्रस्तुती जनता के बीच की जायेगी। इसी कड़ी में सफदर की शहादत को याद करते हुए रविवार को कवि सम्मेलन मुशायरा का आयोजन किया गया है। ककलाकार व रंगकर्मी सफदर की शहादत पर कलाकारों ने आज का दिन काला दिवस के रूप में मनाया। कार्यक्रम के बाद सबों ने काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध प्रकट किया।