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कपडे पर प्रस्तावित जीएसटी दर के विरोध में कपड़ा व्यापारियों का सांकेतिक बंद 31 को

  • कल 31 दिसंबर को दिन के 12:00 बजे तक रांची सहित राज्य के सभी वस्त्र, रेडीमेड, होजयरी व्यवसाय से जुड़े सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे 
  • रेडीमेड होजयारी वस्त्र प्रतिष्ठानों के सभी व्यवसायी, कर्मचारी पूरे दिन काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज करेंगे

रांचीकेंद्र सरकार द्वारा कपड़े पर जनवरी माह से जीएसटी की दर 5% से बढ़ाकर 12% किए जाने के निर्णय का विरोध पूरे भारतवर्ष के वस्त्र, रेडीमेड, व्यापारियों व संगठनों द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में गत दिनों झारखंड सहित राज्य के सभी वस्त्र व्यवसायियो, प्रतिष्ठानों में कार्यरत सहयोगियों, कर्मचारियों ने मिलकर माननीय प्रधानमंत्री को हजारों की संख्या में पोस्टकार्ड भेजकर कपडे पर जीएसटी की प्रस्तावित बढ़ोत्तरी पर पुर्नविचार का आग्रह किया है।
कपडे पर प्रस्तावित जीएसटी दर के विरोध में आज झारखण्ड थोक वस्त्र विक्रेता संघ द्वारा आज प्रेस वार्ता का आयोजन कर कहा गया कि पहले भी कपडे पर जीएसटी नहीं था, केंद्र सरकार व्यापारियों के विरोध के बाद भी इसे 5% जीएसटी के दायरे में ला दिया। इसकी दर में 7% की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी की गई है जिसका सीधा असर आम गरीब जनता पर पड़ेगा। झारखण्ड थोक वस्त्र विक्रेता संघ वित्त मंत्रालय के इस निर्णय का विरोध करता है एवं मांग करता है कि कपडे पर प्रस्तावित बढ़ोत्तरी के निर्णय को शिथिल किया जाय। संघ का मानना है कि रोटी, कपड़ा और मकान आज भी जनमानस के लिए तीन आवश्यक वस्तु है। जिसमें कपड़ा भी आवश्यक वस्तु के रूप में है। इसकी दरों में बढ़ोत्तरी करने से कपड़ा 7 से 10% महंगा होगा जिसका नुकसान आम जनता को होगा जो कपड़ा खरीदते व पहनते हैं।यह भी कहा गया कि कोविड महामारी के कारण ऐसे ही गरीबी बढ़ी है, लोगों के पास रोजगार के साधन नहीं है। वर्तमान परिपेक्ष में जीएसटी की दरों में बढ़ोत्तरी कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है।
प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश के कपड़ा व्यापारियों ने रोष जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार व्यापारियों की नहीं सुनती, जबकि सरकार को हर तरह से मदद व सहयोग करने में हमेशा व्यापारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई है। कपडे पर जीएसटी को 5% से बढ़ाकर 12% किये जाने का वस्त्र ब्यवसायी, रेडीमेड, होजियरी दुकानदार पूर्ण रूप से विरोध करते हैं। यह भी कहा गया कि कोविड के बढ़ते मामलों के अनुरूप राज्य सरकार की गाइडलाइन का सम्मान करते हुए हम धरना, प्रदर्शन, जुलूस, पूर्ण हड़ताल नहीं रख रहे हैं। शांतिपूर्ण ढंग से हम वस्त्र, रेडीमेड, होजरी के व्यापारी अपनी बातों को केंद्र सरकार के समक्ष रखना चाहते हैं। हमने माननीय प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री महोदया को भी पत्र द्वारा आग्रह किया है कि कपड़े पर 5% जीएसटी को ही स्थाई रखा जाए।
यह निर्णय लिया गया कि प्रदेश के कपड़ा व्यापारी 31 दिसंबर को (1 दिन के कम समय में) सांकेतिक हड़ताल करेंगे जिसमें होजरी, रेडीमेड, वस्त्र व्यवसाय से जुड़े सभी रिटेलर होलसेलर दिन के 12:00 बजे तक अपने -अपने प्रतिष्ठान बंद रखेंगे तथा पूरे दिन वस्त्र व्यवसाई प्रतिष्ठान के सहयोगी व कर्मचारी सभी लोग विरोध में काला बिल्ला लगाकर रखेंगे। दुकाने दिन के 12:00 बजे के बाद खुलेगी। 12:00 बजे के बाद संघ के पदाधिकारी विरोध पत्र आवेदन के साथ राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से मिलेंगे और केंद्र सरकार द्वारा थोपे जा रहे जीएसटी की बढ़ी दरों पर चर्चा कर उनसे भी आग्रह करेंगे।
प्रेस वार्ता में अध्यक्ष प्रकाश अरोड़ा ,मानद सचिव कमल जैन, उपाध्यक्ष उमाशंकर कनोडिया ,कोषाध्यक्ष महेश बजाज ,मीडिया प्रभारी प्रमोद सारस्वत, पूर्व अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ,अजय बथवाल, अनिल जालान, सहित खुदरा वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष रतन कुमार मोदी, रेडीमेड होजरी संघ के अध्यक्ष महावीर प्रसाद सोमानी, सहित पूर्व सचिव विक्रम खेतावत ,ओमप्रकाश खेतावत, मनमोहन मोहता, विक्रम जैन, राजेश कनोई उपस्थित थे।