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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनता पर रहम करें और जागें

झारखण्ड सरकार की अयोग्यता के कारण जर्जर है बिजली व्यवस्था और जनता है त्रस्त

जनवरी से देंगे मुख्यमंत्री के घर के सामने धरना: जयंत सिन्हा

हज़ारीबाग। सांसद सह अध्यक्ष वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति जयंत सिन्हा हज़ारीबाग में जर्जर हुई बिजली व्यवस्था के लिये झारखण्ड सरकार के खिलाफ लगातार आवाज़ उठा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस गंभीर विषय को संसद में भी देश के सामने रखा है।
जयंत सिन्हा ने सदन में कहा कि “हजारीबाग लोकसभा में लोगों को ठीक से 8-10 घंटे भी बिजली मिलना मुश्किल हो गया है और यह अपर्याप्त बिजली उत्पादन के कारण नहीं बल्कि झारखण्ड सरकार के बिजली के खराब प्रबंधन के कारण है। झारखंड सरकार की बिजली वितरण संस्था का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। वितरण कंपनियों के लिए की जाने वाली वार्षिक रेटिंग में यह 41 में से 37वे स्थान पर रही है।
बिजली के खराब और अकुशल वितरण के अलावा, राज्य सरकार ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को भुगतान नहीं किया है। डीवीसी हर दिन झारखण्ड में करीब 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करती है, किन्तु राज्य सरकार ने डीवीसी की ₹2,100 करोड़ से अधिक की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है। इसके कारण डीवीसी पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। राज्य सरकार को कई नोटिस और चेतावनियां दी गईं, किन्तु फिर भी कोई प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई नहीं की गई। इसके कारण डीवीसी को बिजली आपूर्ति 50 प्रतिशत (300 मेगावाट) तक कम करनी पड़ी है।”
ज्ञात हो कि जयंत सिन्हा ने हज़ारीबाग में 18 दिसंबर को प्रेसवार्ता कर भी इस विषय को उठाया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि वे क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर बिजली आपूर्ति की समस्या को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। कोरोना संक्रमित होने के कारण वे कल भाजपा द्वारा किये जा रहे धरना प्रदर्शन में शारीरिक रूप से सम्मलित नहीं हो सके। मगर कोरोना से लड़ते हुए भी वे जर्जर बिजली व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं।
जयंत सिन्हा ने इस संबंध में माननीय केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह से भी चर्चा की है। ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार इस विषय में हर सहयोग देने को तैयार है। लेकिन राज्य सरकार को डीवीसी की बकाया राशि का भुगतान करना होगा। उन्होंने डीवीसी के सीएमडी से भी संवाद किया है, जिस पर डीवीसी ने पूर्ण सहयोग उपलब्ध करवाने को कहा है, किन्तु राज्य सरकार को डीवीसी को बकाया राशि देनी होगी।
जयंत सिन्हा ने डीवीसी को सुझाव दिया है कि वे हज़ारीबाग स्थित डेमोटाण्ड में सब स्टेशन स्थापित करे, जिससे उद्योगों को सीधा बिजली आपूर्ति की जा सकती है। इससे क्षेत्र के घरों में बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी।
इसके साथ ही जयंत सिन्हा केंद्र सरकार से भी बिजली वितरण की प्रक्रिया को स्वतंत्र बनाने पर चर्चा कर रहे हैं। वर्तमान में बिजली वितरण राज्य सरकार की संस्था जेबीवीएनएल पर ही निर्भर है। यदि बिजली वितरण की प्रक्रिया को स्वतंत्र बनाकर अन्य एजेंसियों को भी आपूर्ति सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी दी जाए तो बिजली व्यवस्था का प्रबंधन बेहतर हो सकेगा।
जयंत सिन्हा ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चाहें तो इस समस्या का समाधान त्वरित कर सकते हैं। अब राज्य सरकार के खिलाफ धरना सिर्फ हज़ारीबाग तक सीमित नहीं रहेगा। हम जनता के साथ मिलकर जनवरी 2022 से मुख्यमंत्री के घर के सामने जोरशोर से धरना प्रदर्शन करेंगे ताकि वे लोगों की समस्या पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि ‘हेमंत सोरेन जी जनता पर रहम करें और जागें जिनके द्वारा वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं।आपके इस गंभीर विषय पर निर्णय लेने से बिजली आपूर्ति बेहतर होगी।जिससे लाखों लोगों को राहत मिल सकेगी। उपरोक्त बातों की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गई है।