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एड्स दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन

रोगी से नहीं रोग से घृणा करे : अरविंद कच्छप

मेदिनीनगर: विश्व एड्स दिवस पर सदर अस्पताल के ए एन एम स्कूल में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। रोग से घृणा करे रोगी से नहीं ।उक्त बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अरविंद कच्छप ने कही ।वे विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल के ए एन एम स्कूल में जागरूकता शिविर में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इसके पूर्व कार्यक्रम का उदघाटन द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उन्होंने कहा कि रोगी से नहीं रोग से घृणा करना चाहिए ।कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी बीमारी को ग्रहण नहीं करता ।एड्स बीमारी होने पर हमें किसी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए। बीमारी को लेकर लोगों में बहुत बड़ा भ्रम फैला हुआ है ।जबकि मरीज दवाइयों से आराम से जीवन व्यतीत कर सकता है। इस मौके पर सिविल सर्जन अनिल कुमार सिंह ने कहा कि एड्स रोगी से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करें ।क्योंकि उपेक्षा से रोगियों में मानसिक बीमारी होने की संभावना बनी रहती है। एड्स रोगियों को भी काउंसलिंग करने की जरूरत है। एड्स रोगी का नाम और पता गोपनीय रखा जाता है ।भय मुक्त होकर इसका जांच कराएंऔर सावधान रहें। उन्होंने कहा कि एड्स रोग को कैसे रोका जा सकता है इसकी विधियां बताने की जरूरत है। इस मौके पर आईसीटीसी के नोडल ऑफिसर डॉ जॉन ऑफ केनेडी ने कहा कि एड्स से अब तक चार करोड़ लोग मर चुके हैं। एड्स एक बीमारी नहीं बल्कि एक सिंड्रोम है । जिसमे टी सेल्स काम नही करता है।इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाता है। उन्होंने कहा कि एड्स रोगी को टीवी, लूज मोशन ज्यादा होता है। एड्स का अभी तक कोई दवा नहीं बना है। एड्स एक पंडेमिक है। हम एड्स से डरते हैं। लेकिन कोविड-19 से नही डरते हैं ।उन्होंने कहा कि एड्स से चार करोड़ लोग अभी भी रोग से जूझ रहे हैं। असमानता सबसे बड़ी रुकावट है ।जब तक आसमानता हम दूर नहीं करेंगे तब तक एड्स खत्म करना हम लोगों को सबसे बड़ी चुनौती है। पैनल अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि हमें एड्स मरीज को तिरस्कार नहीं बल्कि प्यार देना चाहिए। ताकि उसका हौसला बढ़े व अपनी बीमारी से लड़ सके।उन्होंने कहा कि एड्स रोगी के साथ खाना खाने, बिस्तर पर सोने, स्नानागर में स्नान करने,एड्स रोगी से हाथ मिलाने या मच्छर काटने से यह बीमारी नहीं होता।बल्की असुरक्षित यौन संबंध से यह बीमारी होती है। एड्स एक लाइलाज बीमारी है। जागरूकता और सतर्कता ही उसका बचाव है। एड्स का विषाणु मनुष्य के शरीर में घुसकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट कर देता है। इस मौके पर फर्ज संस्था के स्वर्णलता, तनुजा ने भी एड्स से कारण व बचाव पर विस्तार से प्रकाश डाला। मौके पर चंदन कुमार, ज्वाला प्रसाद समेत दर्जनों छात्राए उपस्थित थीं ।कार्यक्रम का संचालन डीपीएम दीपक कुमार ने किया