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प्रथम पुण्यतिथि पर पलामू ने एसएस रुबी को किया याद

एसएस रुबी पत्रकार के साथ एक विचार थे: आयुक्त

मेदिनीनगर: सुरेन्द्र सिंह रुबी पत्रकार के साथ-साथ एक विचार थे।पत्रकारिता उनकी एक आयाम थी। वे एक विचारधारा थे। वे अपनी लेखनी से समाज को दिशा देने का काम किया।उक्त बातें पलामू के प्रमंडलीय आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने कही। वे आज स्थानीय गांधी स्मृति नगर भवन में पलामू के मूर्धन्य पत्रकार एसएस रुबी की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा सह एसएस रुबी स्मृति गौरव सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन पलामू राइटर्स एसोसिएशन और डीएनएस फाउंडेशन की ओर से किया गया था।आयुक्त ने उनकी जीवन संघर्षों को याद करते हुए कहा कि मैनेजमेंट की शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद वे पत्रकारिता क्षेत्र को चुनाव किया। इसके साथ ही खेल एवं कला के क्षेत्र में उनकी योगदान रही। उन्होंने कहा कि उनकी विचारधारा को जीवंत रखने की आवश्यकता है। उनकी जीवनी पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। उनकी निष्पक्ष पत्रकारिता की विरासत को आगे ले जाना चाहिए।डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि एसएस रूबी पलामू के पत्रकारिता में स्तंभ थे। उनकी याद में आयोजित कार्यक्रम जनमानस पर उनकी पहचान को दर्शाता है।
पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने गजल के माध्यम से रुबी जी को श्रद्धांजलि अर्पित किया। उन्होंने कहा कि रुबी जी आज हम सबके बीच नहीं है।लेकिन उनके सिद्धांत हम सबके बीच है। अपने विचारों से वे हम सबके बीच जीवनपर्यंत रहेंगे। उन्होंने रुबी जी की पुण्यतिथि पर बेहतर कार्यक्रम करने के लिए पलामू राइटर्स एसोसिएशन और डीएनएस फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया। प्रो. एससी मिश्रा ने कहा कि रुबी जी के कार्यों और सिद्धांतों को आज के पत्रकारों को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें जितना प्रेम पत्रकारिता से था।उतना ही समाजिक गतिविधियों में भी था।उन्होंने कहा कि खोजी पत्रकारिता रुबी जी की खास खूबी थी। खबरों को पूरी तरह से पुष्ट करने के बाद ही वे प्रकाशन में भेज थे। अपुष्ट खबरों पर वे विश्वास नहीं करते थे।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने उनके किशोरावस्था में पेशावर से डालटनगंज आने से लेकर पत्रकारिता क्षेत्र में बनी पहचान को याद किया। उन्होंने कहा कि उनकी रूचि पत्रकारिता क्षेत्र में बढ़ी। उन्होंने अपने फर्ज को निभाया और समाज की जरूरतों को अपनी लेखनी के माध्यम से पूरा किया। उन्होंने कहा कि मीडिया यह निश्चित कर ले कि भ्रष्टाचार, कुरीतियां, विकृतियां को दूर करनी है। तो वह जरूर दूर होगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा करना सच्चाई को सामने लाना मीडिया की जिम्मेदारी है। अपनी जिम्मेदारी पर खरा उतरना ही रूबी जी की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।वरिष्ठ पत्रकार गोकुल बसंत एवं देवब्रत ने भी रूबी जी के साथ बिताए समय एवं अनुभव को साझा किया।गोकुल बसंत ने कहा कि उन्होंने पत्रकारिता के उस दौर में काम करना प्रारंभ किया था।जिस समय संसाधन का अभाव था। खबरों के संकलन में काफी कठिनाई होती थी।लेकिन खबरों से कभी समझौता नहीं की। उन्होंने कहा कि उनके प्रति संवेदना बनाए रखने की जरूरत है।देवव्रत ने कहा कि उनकी याद आज हमलोगों के बीच बनी हुई है।कार्यक्रम के दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र उपाध्याय, साहित्य के क्षेत्र में श्याम किशोर पाठक, कला के क्षेत्र में अमन चक्र, खेल के क्षेत्र में अक्सा नाग और अभिनय के क्षेत्र में युगांत बद्री पांडेय को एसएस रुबी स्मृति गौरव सम्मान से नवाजा गया। इसके अलावा पत्रकारिता विभाग के मेधावी छात्र विकास दूबे को भी एसएस रुबी स्मृति गौरव सम्मान दिया गया। मौके पर एसएस रुबी के परिजन को भी सम्मानित किया गया। पलामू से प्रकाशित अखबारों के सम्पादकों संजीव नयन, दिलीप कुमार और संजय पांडेय को भी सम्मान दिया गया। आगंतुक अतिथियों को भी सम्मान से नवाजा गया। इसके अलावा कार्यक्रम में सहयोग के लिए डीएनएस फाउंडेशन की निदेशक गीता सिन्हा के अलावा पलामू राइटर्स एसोसिएशन के समन्वयक अभिषेक राज और अन्य को भी सम्मान देकर उनकी हौसला आफजाई की गयी।
माटी कला बोर्ड सदस्य अविनाश देव,जीसा के केंद्रीय अध्यक्ष अविनाश वर्मा, समाजसेवी राजेंद्र सिन्हा, बीकेश शुक्ला, मनोज सिंह, दुर्गा जौहरी, विजय ओझा, लाल सूरज, , जिला परिषद सदस्य लवली गुप्ता, अनूप गुप्ता, शैलेंद्र कुमार शैलू , शीला श्रीवास्तव, शर्मिला वर्मा, अजय श्रीवास्तव, रामाकांत मेहता, डा. पी कुमार, पूर्व सैनिक ब्रजेश शुक्ला, रोटेरियन अनुग्रह नारायण सिन्हा, समाजसेवी अशोक साहनी, अधिवक्ता संतोष पांडेय, आफताब आलम समेत बड़ी संख्या में पत्रकार एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।