विधायक के पहल के बाद सक्रिय हुआ जिला प्रशासन
मेदिनीनगर: पांडू थाना अंतर्गत कुटमू बरवाही में ऐतिहासिक व पौराणिक धजवा पहाड़ के अस्तित्व को बचाने की जिद पर ग्रामीण अड़ गए हैं। धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के अलावा पंचायत जनप्रतिनिधियों की सामूहिक लड़ाई पिछले 11 दिनों से चल रही हैं।समिति के प्रतिनिधियों ने स्थानीय विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी से मिलकर जिला प्रशासन व खनन विभाग की कारगुजारियों से अवगत कराते हुए पहाड़ का लीज रद्द करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग किया।विधायक ने ग्रामीणों की मांग पर प्रसाशन से बात किया।जिसके बाद जिला प्रशासन रेस हुआ है। पांडु के अंचलाधिकारी ने धरना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया।कि एसडीओ की देखरेख में विवादित स्थल की फिर से माफी कराई जाएगी। और सबों की उपस्थिति में खनन पट्टा क्षेत्र का सीमांकन किया जाएगा।
इधर धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक मंडल संजय पासवान,अवधेश पाल, सरयू पासवान, अरविंद पाल, युगल किशोर पाल, आरएन सिंह ने कहा कि प्रशासन के मिली भगत का यह नमुना है।शत्रुघन कुमार शत्रु ने कहा कि जिला प्रशासन व खनन विभाग पत्थर माफियाओं सें मिलकर जनता के जीने के हक को छीनने में लगे हुए हैं। पहाड़, नदी और जंगल को समाप्त कर पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में जनता चुप नहीं रह सकती है।डेरा डालो -घेरा डालो आंदोलन में जन संग्राम मोर्चा, झारखण्ड क्रांति मंच, भाकपा माले, संयुक्त किसान मोर्चा, दिहाड़ी मजदूर यूनियन, फूलन देवी विचार मंच, गांधी विचार मंच, मुल निवासी संघ झारखण्ड, बहुजन समाज पार्टी, एससी-एसटी ओबीसी एण्ड माइनारिटी एकता मंच समेत स्थानीय जिला पार्षद अनिल चन्द्रवंशी व विधायक प्रतिनिधियों ने धरना स्थल पर पहूंचकर पहाड़ व पर्यावरण बचाने के इस आन्दोलन का समर्थन किया समिति के द्वारा आरटीआई के तहत जिला खनन पदाधिकारी पलामू से धजवा पहाड़ खनन पट्टा से सम्बन्धित मांगे गए दस्तावेजों की छायाप्रति से यह स्पष्ट होता है। कि पलामू में राजस्व कर्मचारी से लेकर खनन पदाधिकारी तक पत्थर माफिया के प्रभाव में आकर बिना पर्याप्त स्थलीय निरीक्षण के खनन मानदण्डों का उल्लंघन करते हुए खनन पट्टा जारी करते है।उन्होंने कहा कि अगर पर्यावरण से सम्बन्धित अर्हताओं की अनदेखी कर जारी इस खनन पट्टा को पलामू जिला प्रशासन ने रद्द नहीं किया ।और आन्दोलनकारियों पर दर्ज फर्जी मुकदमें वापस नहीं लिए गए तो राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के माननीय अध्यक्ष, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश, महामहिम राष्ट्रपति व माननीय प्रधानमंत्री को पत्र देकर आन्दोलन को और तेज किया जाएगा।