- प्रबंधन ने राजस्व ग्राम के ग्रामीणों की मांग पर जल्द विचार करने का दिया आश्वासन
- विस्थापित प्रभावित मोर्चा ने ऑफिसर्स क्लब के बाहर जताया विरोध
भुरकुंडा (रामगढ़) । सीसीएल द्वारा इंंवायरमेंंट क्लीयरेंस के लिए रीवरसाईड ऑफिसर्स क्लब में बुलाई गयी लोक सुनवाई बिना किसी ठोस निर्णय के समाप्त हो गई। राजस्व ग्राम के द्वारा सौंपे गये मांग पत्र पर प्रबंधन ने जल्द विचार करने का आश्वासन दिया। इसकेे साथ ही लोक सुनवाई रोक दी गई। जबकि लोक सुनवाई के उपरांत विस्थापित प्रभावित मोर्चा ने ऑफिसर्स क्लब के बाहर सीसीएल प्रबंधन पर राजस्व ग्राम को छलने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। विरोध करनेवालों में झरि मुंडा, रामदास बेदिया, गिरधारी गोप, प्रेम कुमार साहू, राजेश कुमार महतो सहित कई शामिल थे।
बताते चलें कि पूरी लोक सुनवाई के दौरान राजस्व ग्राम के ग्रामीण और क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों ने सीसीएल पर विस्थापितों और प्रभावितों की वर्षों से उपेक्षा करने का आरोप लगाया। लोक सुनवाई के दौरान भुरकुंडा की अधिग्रहित जमीन पर प्राईवेट लोगों द्वारा कब्जा और मकान-दुकान बनाने और सीसीएल क्वार्टरों पर कब्जा कर मुफ्त पानी-बिजली सहित अन्य सुविधाओं का लाभ उठाने का मुद्दा गरमाया रहा। इस मुद्दे पर प्रबंधन की अनदेखी का ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। यह भी कहा गया कि प्रक्षेत्र में 12 हजार क्वार्टरों में आधे में भी सीसीएलकर्मी नहीं है। बाकी क्वार्टरों में प्रबंधन बाहरी लोगों को सुविधाएं क्यों दे रही है। लोक सुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने क्षेत्र के कुछेक यूनियनों पर भी प्रबंधन से मिलीभगत कर अनैतिक लाभ उठाने और रैयतों की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया। प्रबंधन पर बंद कमरों में ठेका पट्टा बांटने और गरीब रैयतों को रोजी-रोटी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखने का आरोप लगाया गया। इस दौरान राजस्व ग्राम में समूचित विकास कार्य और मूल भूत सुविधाओं पर मौखिक की बजाय लिखित आश्वासन पर ग्रामीण अड़े रहे। यहां कई घंटे गहमागहमी बनी रही। कई ग्रामीण आक्रोशित भी दिखे।
भुरकुंडा कोलियरी के लिए पर्यावरण स्वीकृति है बेहद जरूरी
भुरकुंडा कोलियरी बीते 14 माह से बंद पड़ी है। कोलियरी चालू करने के लिए सीटीओ जरूरी है और सीटीओ के लिए पर्यावरण की स्वीकृति लेना आवश्यक है। कोलियरी बंदी के लिए क्षेत्र के यूनियन भी प्रबंधन पर लापरवाही और पर्याप्त प्रयास नहीं करने का आरोप लगाते आ रहे हैं। जहां अखिल झारखंड कोयला श्रमिक संघ ने सीटीओ को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया। वहीं यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन की ओर से भुरकुंडा हाथीदाड़ी माइंस पर एक दिवसीय भूख हड़ताल भी किया गया है। सांसद और विधायक से भी भुरकुंडा कोलियरी पुनः चालू कराने की मांग काफी समय से की जा रही है।
भुरकुंडा कोलियरी का स्थाई बंद होना क्षेत्र के लिए होगी बड़ी त्रासदी
भुरकुंडा कोलियरी के स्थाई रूप से बंद होना क्षेत्र के लिए किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं होगी। कोलियरी बंद होने से इसका असर क्षेत्र के हजारों की आबादी पर पड़ेगा। भुरकुंडा बाजार क्षेत्र का बड़ा बाजार है। जिससे हजारों लोगों की जीविका चलती है। कोलियरी बंद होने से बाजार बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। वहीं मेहनत मजदूरी कर जीविका चला रहे लोगों पर आफत आ पड़ेगी। हजारों की आबादी के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
कहना गलत नहीं होगा कि लंबे समय से प्रबंधन द्वारा बरती गई लापरवाही का खामियाजा वर्तमान में प्रबंधन के अधिकारियों को झेलना पड़ रहा है। सीटीओ और इंवायरमेंट क्लीयरेंस को लेकर बरकासयाल महाप्रबंधक अमरेश कुमार की तत्परता पूरे लोक सुनवाई के दौरान जरूर दिखाई पड़ी। ग्रामीणों की मांगो पर उन्होने सटीकता से अपनी बात रखते हुए लोक सुनवाई को सफल बनाने का भरसक प्रयास किया।
लोक सुनवाई में ये अधिकारी रहे शामिल
लोक सुनवाई में मुख्य रूप से रामगढ़ जिला अपर समाहर्ता नेल्सन इयोन बागे, झारखंड प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के कंस्लटिंग एक्जेक्यूटिव कुमार गौरव जैन, आशुतोष कुमार, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड हजारीबाग के अशोक कुमार यादव, पतरातू अंचलाधिकारी शिवशंकर पांडेय, सीसीएल बरकासयाल महाप्रबंधक अमरेश कुमार सिंह और भुरकुंडा परियोजना पदाधिकारी एकेबी सिंह उपस्थित रहे।