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समाजसेवी नंदकिशोर गुप्ता का दामोदर घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

रामगढ़नव प्रयासों से सुधार के ज़रिए समाज को नई दिशा दी जा सकती है । इन आदर्शों को जीवनपर्यन्त आत्मसात् करने वाले क्षेत्र के प्रखर चिंतक , लेखक और उच्च शिक्षित नंदकिशोर गुप्ता का अंतिम संस्कार पूर्ण विधि विधान से दामोदर तट स्थित मुक्तिधाम में किया गया । मुखाग्नि पुत्र मांगीलाल गुप्ता ने दी । अंतिम संस्कार में रामगढ़ सहित राँची और हज़ारीबाग़ से भी कई गणमान्य जन शामिल हुए । श्री गुप्ता के निधन को बौधिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति बताते हुए गहरा दुःख जताने वालों में पूर्व विधायक शंकर चौधरी , गोविंदलाल अग्रवाल , रामगढ़ गौशाला कमिटी के अध्यक्ष बजरंग अग्रवाल , डॉक्टर के चंद्रा , डॉक्टर शारदा प्रसाद , सुरेश बगड़िया , रवि चौधरी , अजय अग्रवाल आदि रहे । श्री गुप्ता ने 1955 में पंजाब विश्वविद्यालय से बी एड तथा राजनीतिशास्त्र में और अंग्रेज़ी में स्नातकोत्तर की डिग्री , हासिल की थी । हिंदी और अंग्रेज़ी में उनकी मजबूत पकड़ उनकी उत्कृष्ट लेखनी की विशेष पहचान रही । समाज शिक्षित हो इस उद्देश्य से रामगढ़ कॉलेज की स्थापना में सक्रिय योगदान दिया । रामगढ़ कॉलेज के प्रथम प्राचार्य-सह संस्थापक अध्यक्ष सहित अवैतनिक व्याख्याता रहें । युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए सदैव प्रेरित किया। प्राचार्य रहकर बच्चों को पढ़ाने से लेकर कॉलेज की घंटी बजाना भी उनकी आदत में शुमार रहा । रामायण और गीता के श्लोक कंठस्थ थे विधि की भी ख़ासी जानकारी रखते थे । विविध विषयों पर विशद और गहरी जानकारी से हर कोई उनकी प्रतिभा का क़ायल हो जाता था । श्री मारवाड़ी सत्यनारायण मंदिर एवं धर्मशाला संस्था के बतौर अध्यक्ष संस्थान के उत्थान , समाज में सुधार और दहेज प्रथा का कड़ा विरोध किया । मृत्यु भोज को बंद करने के लिए समाज को प्रेरित किया । घूँघट प्रथा को समाज से उठाने का श्रेय भी इनको जाता है । श्री गुप्ता शांति धारा फ़ाउंडेशन तथा रामगढ़ सिटिज़न फ़ोरम के संस्थापक सदस्य रहें । श्री गुप्ता को युवा काल में जयप्रकाश नारायण और लोहिया का स्नेह सानिंध्य प्राप्त था । 87 वर्षीय स्वर्गीय गुप्ता अपने पीछे भरा पूरा हँसता खेलता परिवार छोड़ गए हैं । उनके पुत्र माँगीलाल गुप्ता क्षेत्र के सफल व्यवसाई और चार्टर्ड अकाउंटंट पौत्र प्रियेश गुप्ता बेंगलुरु में सेवारत्त हैं।