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सीता संग अयोध्या लौटे प्रभु श्रीराम, सजा राम दरबार

  • गीतों के बीच त्योहारों की झांकी ने मोहा मन
  • मृत्यु से पहले रावण ने दी लक्ष्मणको शिक्षा
  • श्री अग्रसेन स्कूल में माना फेस्टिव महोत्सव

भुरकुंडा (रामगढ़)। श्री अग्रसेन स्कूल, भुरकुंडा में मंगलवार को फेस्टिव महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में बच्चों ने दीपावली, चित्रगुप्त पूजा, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, लक्ष्मी पूजा, काली पूजा, छठ आदि त्योहारों की आकर्षक झांकी निकालकर पूरे माहौल को त्योहारों के रंग से सराबोर कर दिया। बच्चों ने सभी त्योहारों को मनाने के पीछे छिपे संदेश को भी बताया। वनवास के बाद प्रभु श्रीराम, लक्षण और माता सीता की अयोध्या वापसी पर अयोध्या में मने भव्य उत्सव की भी झांकी निकाली। राम दरबार भी सजाया गया।

अयोध्या वापसी से पहले प्रभु श्रीराम के हाथों रावण वध और मृत्यु से पूर्व रावण द्वारा लक्षमण को दी गई शिक्षा का नाट्य मंचन किया गया। झांकी के दौरान पारंपरिक गीत और मंत्रोच्चार से पूरा माहौल बंधा रहा।

महोत्सव के अंत में बच्चों ने हाथों में तिरंगा थामे जय हो गीत… पर आकर्षक प्रस्तुति दी। दीपावली के मौके पर घरौंदा बनाकर उसमें दीप प्रजवलित किया गया। साथ ही आकर्षक रंगोली सजाई गई। स्कूल के छोटे बच्चों ने इस आयोजन में ऑनलाइन हिस्सा लिया। बच्चों ने दिया मेकिंग, ग्रीटिंग मेकिंग, पपेट, फैंसी ड्रेस आदि प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। विभिन्न देवी-देवताओं का रूप धर बच्चों ने सभी का मन मोह लिया।

इस अवसर पर शुभकामना संदेश में स्कूल के निदेशक प्रवीण राजगढ़िया ने कहा कि भारतीय संस्कृति के सभी त्योहार समाज को एक सूत्र में पिरोने का काम करते हैं। हमें इन त्योहारों के वास्तविक मर्म को समझ कर उन संदेशों पर अमल करने की जरूरत है।

आज त्योहार भी आधुनिकता की भेंट चढ़ने लगे हैं। लेकिन त्योहार का असली आनंद उसके वास्तविक स्वरूप में ही है। श्री राजगढ़िया ने सभी लोगों से सामाजिक बुराइयों को खत्म करने और सामाजिक एकता के लिए कार्य करने का आह्वान किया। प्राचार्या नीलकमल सिन्हा ने भी सभी बच्चों और अभिभावकों को आगामी त्योहारों को सौहाद्रपूर्ण माहौल में मनाने का संदेश दिया।