मेदिनीनगर : महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है। शिक्षित नारी से बेहतर समाज व राष्ट्र का निर्माण होता है ।उक्त बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अरविंद कच्छप ने कही। वे रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर अनुसूचित जनजाति महिला छात्रावास में जागरूकता शिविर में बोल रहे थे। उन्होंने घरेलू हिंसा में महिलाओं का संरक्षण ,संपत्ति में बराबरी का अधिकार ,भरण पोषण के बारे में विस्तार से चर्चा की। कहा कि समाज में बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध के चलते बाल अधिकारों की व्यवस्था करना समय की जरूरत है ।उन्होंने बाल मजदूरी ,बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, बच्चों की तस्करी, शारीरिक दुर्व्यवहार के चलते बच्चों की अधिकार की आवश्यकता है।बाल शोषण रोकने के लिए ,इसके रोकथाम के लिए बाल संरक्षण आयोग बनाया गया है।किसी भी बच्चे से कोई भी व्यक्ति जबरदस्ती काम नहीं करवा सकता है। विद्यार्थी कानून के ज्ञान का समाज के बीच बाटेंगे तो इसका लाभ सभी को मिल सकेगा। इस मौके पर पैनल अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि विधिक जागरूकता से विधिक संस्कृति को बढ़ावा मिलता है। कानून के शासन की स्थापना में सबका सहयोग जरूरी है। विधिक निरक्षर व्यक्ति अनजाने में कानून के विपरीत आचरण कर सकता है। या कानून से सहायता प्राप्त करने में अक्षम होता है। उन्होंने कहा कि कानून आम जनता के जीवन को सुगम बनाने के लिए बनाए गए हैं ।हमारे देश में आजादी के पहले से लेकर अभी तक बने ढेरों कानून है। जिसमें से अधिकतर की जानकारी नहीं होती ।जाने अनजाने किसी कानून का उल्लंघन करके न्यायालय के चक्कर लगाने लगते हैं।शिक्षा का अधिकार, किशोर शिक्षा ,महिला सशक्तिकरण, कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम कानूनी साक्षरता क्लब, एसटी के अधिकार, पीड़ित प्रतिकर योजना, निशुल्क विधिक सहायता, घरेलू हिंसा व महिलाओं का संरक्षण व संपत्ति में बराबरी का अधिकार, भरण पोषण के बारे में विस्तार से चर्चा किया गया। । इस मौके पर अधिवक्ता वीणा मिश्र ने कहा कि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाव को लेकर देश मे जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस जागरूकता शिविर का उद्देश्य लोगों को कानूनी रूप से सशक्त बनाना है।बेटा बेटी में कोई फर्क नही है।। इस मौके पर वार्डन प्रतिभा हेम्ब्रोम ने कहा कि शिक्षा से ही समाज सशक्त बन सकता है।कोई भी घर अशिक्षित नही रहे यह हम सबो कि जबाब देही हैं।अधिकार का हनन हो तो कानून का सहारा ले । आज महिलाएं भी किसी से कम नहीं है। जरूरत है उनके अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने की। उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थी को कानून के ज्ञान का जानकारी बेहद जरूरी है। और इस तरह के कार्यक्रम से लोगों के लिए लाभकारी साबित होगा। इस मौके पर फियर फाउंडेशन के अंजलि ने भी अपना विचार व्यक्त किया। व कहा हम वैसा कोई काम नही करे जिससे कानून का सहारा लेना पड़े।बिधि सम्मत काम करने से जीवन मे कभी कठिनाई नही आ सकती। मौके पर महिला थाना के एन महतो के अलावे प्रियंका कुमारी, सपना कुमारी,शालू, कुलवंती, अनीता मिंज,समेत दर्जनों छात्राएं उपस्थित थी।