मेदिनीनगर: सभी लोगो को कानून की जानकारी रखना जरूरी है। दिन प्रतिदिन कानून की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। उक्त बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अरविंद कच्छप ने कही । वे शनिवार को सन्त मरियम आवासीय विधालय में बोल रहे थे। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि कानून का पालन धर्म समझकर करना चाहिए। कानून हमेशा ही सही रास्ते पर चलने का प्रेरणा देता है। इस मौके पर पैनल अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से चर्चा किया।कहा कि बेटा बेटी का हक बराबर है ।पैतृक संपत्ति में बेटा के साथ-साथ बेटियों का भी बराबर हक होता है ।उन्होंने कहा कि बेटियों को संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है।उन्होंने गिरफ्तारी के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी महिला को पुलिस सुबह होने से पहले और सूर्यास्त के बाद कानूनन गिरफ्तार नहीं कर सकती ।उन्होंने कहा कि कोई भी कंपनी गर्भवती महिला को नौकरी से नहीं निकाल सकती है।ऐसा करने पर 3 साल तक की सजा हो सकती है ।उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के दौरान किसी भी शख्स को गिरफ्तारी से पहले यह जानने का अधिकार है कि उस पर क्या आरोप लगे हैं। साथ ही यह भी की किस मामले में गिरफ्तार किया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि अगर अगर कोई ब्यक्ति सार्वजनिक स्थल पर अश्लील गतिविधियां करेगा या करता पाया जाएगा तो 3 महीने की सजा हो सकती है। 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम कराना कानूनन जुर्म है ।कोई भी व्यक्ति अथवा माता-पिता अगर 14 साल से कम उम्र के बच्चे से मजदूरी कराते हैं।तो यह कराना अपराध है।उन्हें जेल की सजा हो सकती है ।उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र में बच्चियों की शादी और 21 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शादी करना भी अपराध है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लोगों को सरल सुलभ अवतरित न्याय प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है ।ना किसी भी तरह की समस्या को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पास रख सकते हैं।इस मौके पर संत मरियम विद्यालय के संचालक अविनाश देव ने कहा कि जागरूकता ही सफलता का मूल मंत्र है ।बच्चे सिर्फ नौकरी के लिए पढ़ाई नहीं करें। बल्कि देश सेवा व देश के विकास के लिए सोचे।उन्होंने कहा कि इस तरह के शिविर से बच्चों में सर्वांगीण विकास होगा।बच्चो में शिक्षा के साथ साथ संस्कार की भावना होनी चाहिए। मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।सही राह दिखाना भी मानवता हैं।इस तरह के कार्यक्रम में बच्चों को भी भागीदारी होनी चाहिए।ताकि अधिक से अधिक लोग कानून के प्रति जागरूक हो सके। उन्होंने समाजिक कुरीति ,अंधविश्वास,पर भी चर्चा करते हुए कहा कि जागरूकता से ही मिट सकता है। कार्यक्रम की शुरुआत द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।वही अतिथियो को बुके देकर सम्मानित किया गया।बच्चों द्वारा कई सवाल भी उठाए गए जिनका जबाब दिया गया।