एक दूसरे का दुश्मन नही बल्कि दोनों मिलकर देश समाज का दिशा व दशा का निर्धारण करते हैं: हेमंत सोरेन
संसदीय शासन प्रणाली व्यवस्था में ज्ञान की कमी से समाज के लोग अपेक्षित लाभ से वंचित रहते हैं: रविंद्रनाथ महतो
रांची। झारखंड विधान सभा मे प्रथम छात्र संसद का दो दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम सत्र का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप जलाकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, माननीय झारखंड स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की शुरुवात राष्ट्रीय गीत से की गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि युवा शक्ति ही देश व राज्य की असली शक्ति होती है। युवाओं के बिना किसी भी तरह की परिवर्तन लाना संभव नही है।
झारखंड विधान सभा ने छात्र संसद का आयोजन कर न सिर्फ युवाओं में चेतना लेन का काम किया है, बल्कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में यह कार्यक्रम मिल का पत्थर साबित होगा। झारखंड के 24 जिलों से चुन कर आये युवाओं को कहा कि प्रथम छात्र संसद में जो भी आपको शिक्षा दी जाएगी, उसे अच्छे से ग्रहण कर समाज को जागरूक करें। साथ ही अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के बीच भी प्रजातांत्रिक व्यवस्था की बातों को शेयर की भी अपील की। उन्होंने कहा कि सदन में पक्ष व विपक्ष होते है। इसका मतलब ये नही की ये दोनों एक दूसरे का जानी दुश्मन होते है, बल्कि दोनों ही पक्ष मिलकर राज्य एवं देश की दिशा व दशा को निर्धारित करते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष रबिन्द्रनाथ महतो ने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में एक जनप्रतिनिधि की क्या भूमिका है। चुने हुए प्रतिनिधि कितना काम कर पाते है। इन तमाम चीजों के आकलन की जरूरत पड़ती है। ये तभी संभव है, जब प्रजातांत्रिक बातों की जानकारी होगी। प्रथम छात्र संसद में विश्व विद्यालयों के युवाओं को चुना है, जो अपने अध्ययन को खत्म करने के बाद गृहस्ती जीवन मे प्रवेश करेंगे। कोई बड़े अधिकारी होंगे, कोई नेता बनेंगे। उन पर बहुत अधिक उत्तरदायित्व बनेगा। लेकिन हमारे युवाओं को संसदीय शासन प्रणाली की व्यवस्था में यदि संसदीय प्रणाली के ज्ञान की कमी हो तो उन्हें अपेक्षित लाभ नही मिल पायेगा। संसदीय प्रणाली की व्यवस्था को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना होगा, जिसके लिए उचित माध्यम की जरूरत पड़ती है। इसलिए हमलोगों ने विश्व विद्यालय के युवाओं को चुना गया। चंद दिनों के बाद ये युवा अपने गृहस्ती जीवन मे पवेश कर घर एवं समाज की उत्तदायित्व को संभालेंगे। इसलिए ऐसे युवाओं का निर्माण क्यों न हो जिन्हें प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली का ज्ञान हो।
स्पीकर ने दुख प्रकट कर कहा कि विधान सभा के लॉबी में बैठने वाले लोग विधान सभा को कॉफ़ी हाउस के रूप में देखते हैं। जितना संवेदनशील होना चाहिए था, बहुत कम ही प्रतिशत लोग इस प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली को आत्मसात कर पाए हैं। गांव के लोगों के पास खंडित ज्ञान होने के कारण प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली व्यवस्था को नही समझ पाते हैं, जिस कारण उन्हें समाज के तरह तरह के लोग उन्हें दिकभ्रमित करते रहते हैं। माननीय स्पीकर ने प्रथम छात्र संसद कार्यक्रम से आशा व्यक्त किया कि इस कार्यक्रम से छात्रों को संसदीय शासन प्रणाली व्यवस्था का ज्ञान होगा, जिससे समाज के लोगों में भी जागृति आएगी। कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री आलमगिर आलम, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता, सत्यानंद भोक्ता, स्टीफेन मरांडी, डॉ इरफान अंसारी, ममता देवी सहित अन्य विधायकगण विधान सभा के पदाधिकारीगण मौजूद थे।