- रांची मुख्यालय मेंं सीसीएल प्रबंधन और गिद्दी के आंदोलनकारी रैयतों के बीच हुई वार्ता में बनी सहमति
- वार्ता में बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने रखा रैयतों का पक्ष
- 18 अक्टूबर से रैयतों ने आंदोलन के तहत ठप करा रखी थी कोलियरी
रांची/ रामगढ़। सीसीसीएल मुख्यालय रांची में मंगलवार को सीसीएल प्रबंधन और गिद्दी के रैयत प्रतिनिधियों के बीच द्वीपक्षीय वार्ता हुई। प्रबंधन की ओर से सीएमडी पीएम प्रसाद और रैयतों की ओर से बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने अपना-अपना पक्ष रखा। मंगलवार की शाम 6:30 बजे शुरू हुई वार्ता तकरीबन ढाई घंटे चली। वार्ता में आंदोलनकारी रैयतों की मांगों पर विस्तार से चर्चा की गयी। साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर विचार विमर्श किया गया।
जिसके उपरांत बुधवार 27 अक्टूबर से गिद्दी ए कोलियरी में उत्पादन और संप्रेषण पुनः बहाल करने पर सहमति बनी। बताया गया कि डीसी द्वारा निष्पक्ष जांच कराई जाएगी कि सीसीएल के द्वारा रैयतों की जमीन का यदि उपयोग किया गया है नहीं। जांच में सीसीएल द्वारा उसका रेंट भरा जाएगा। जमीन अधिग्रहण के मुआवजा के संबंध में निर्णय लिया गया कि रैयतों द्वारा कागजात जमा करने के तीन माह के भीतर मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। साथ ही रैयतों के उपर किये गये मुकदमे का भी निबटारा किया जाएगा। बताते चलें कि 18 अक्टूबर से रैयतों ने जमीन के रेंट और अधिग्रहित जमीन के मुआवजे को लेकर गिद्दी ए कोलियरी में आंदोलन के तहत कोयला उत्पादन और संप्रेषण ठप करा दिया था। इधर वार्ता के उपरांत रैयत संतोष करमाल ने विधायक अंबा प्रसाद के प्रति आभार प्रकट करते हुए वार्ता को सार्थक बताया है।
वार्ता में ये रहे शामिल :-
सीएमडी पीएम प्रसाद सहित रैयत प्रतिनिधि विधायक अंबा प्रसाद, संतोष करमाली, भीम साव, महजू साव, विनोद साव, महेंद्र साव और सीसीएल की ओर से जीएम अजय कुमार सिंह, पीओ आरके सिन्हा, सर्वेयर सुभाष कुमार यादव, अमरेंद्र कुमार सहित रांची मुख्यालय के कई अधिकारी मौजूद थे।