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संतोषी हत्याकांड का पुलिस ने किया उद्भेदन, चार गिरफ्तार

  • राखी चलाती थी सेक्स रैकेट, संतोषी को भी इस धंधे में उतारना चाहती
  • संतोषी किसी दूसरे लड़के से करती थी प्यार जो राखी को नगांवार लगा

मेदिनीनगर : संतोषी हत्या कांड का उद्भेदन शहर थाना पुलिस ने 8 महीने बाद की। इस हत्याकांड में शामिल चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार की है ।संतोषी कुमारी पिता प्रेमचंद चंद्रवंशी हाउसिंग कॉलोनी की रहने वाली थी ।उसके माता-पिता का निधन हो चुका है। मृतिका पांच सगी बहने थी किसी तरह से ए सभी बहने अपना जीवको पार्जन चलाने के लिए चौका बर्तन का काम किया करती थी ।मृतिका की बड़ी बहन राखी देवी सूदना निवासी अनिल अग्रवाल से शादी की थी ।इसके बाद राखी ने वेश्यावृत्ति में उतर गई। और अपने बच्चों का पालन पोषण करने लगी। इसी दौरान राखी की दूसरी वाहन रूपा देवी पति धनंजय अग्रवाल ने संतोषी से भी यही काम कराना चाहती थे। लेकिन संतोषी इसका विरोध करती थी ।और यह कहती थी कि मैं किसी और दूसरे से प्यार करती हूं उसी से शादी लेकिन राखी देवी के साथ हमीदगंज निवासी वीरेंद्र सिंह उर्फ कालू सिंह के पुत्र प्रताप कुमार सिंह एवं नितेश सिंह दोनों घर पर जाकर मांस मदिरा के साथ ही साथ अपने मन की तृष्णा को भी शांत करते थे। इसी बीच प्रताप और नितेश को संतोषी पर नजर पड़ी तो इन लोगों ने संतोषी को अपने हवाले करने के लिए राखी को मना लिया। इसके बाद उक्त दोनों व्यक्तियों ने संतोषी के साथ जोर जबस्ती करने लगे 21 मार्च को वह तो दोनों व्यक्ति राखी के घर गए और योजनाबद्ध तरीके से काम शुरू किया इस संबंध में सदर एसडीपीओ के विजय शंकर ने सर थाना में प्रेस वार्ता कर बताया कि 21 मार्च की रात्रि में ही प्रताप सिंह एवं नितेश सिंह जो राखी के पुराने आशिक थे वे दोनों संतोषी के साथ उस रात्रि को जोर जबरदस्ती कर उसकी हत्या करने के बाद घर में ही रॉड के सहारे लटका दिए ।और लोगों से यह कहा कि फांसी लगाई है ।इसी बीच राखी जो दूसरे आशिक को मन बहलाने के लिए बाहर गई थी ।वह जब घर लौटी तो वाक्य कुछ और देखा। इसी बीच राखी के पुराने आशिक ने पूरी घटना की कहानी बताएं ।राखी ने अपनी छोटी बहन रूपा देवी एवं उसके पति धनंजय अग्रवाल को फोन कर बुलाई। सभी मिलकर शव को गाडने की योजना बनाई ।धनंजय अग्रवाल अपने एक दोस्त को टेंपो लेकर बुलाया। और सभी मिलकर हाउसिंग कॉलोनी सत्संग मंदिर के पीछे झाड़ी में ले जाकर गड्ढा खोदे और उसे वहीं दफना दिया ।सभी ने संतोषी के चाचा ,चाची, दादी को बताया कि वह फांसी लगाई है। तो इसका सहयोग किसी ने नहीं किया। उन्होंने बताया कि धनंजय हमेशा यह चाहता था की संतोषी वेश्यावृत्ति के लिए काम करें। जिससे वह बलपूर्वक बाहर भी भेजा करता था। उन्होंने बताया कि मृतिका संतोषी की एक बड़ी बहन रंभा ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है। जिस आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया। इस दौरान तकनीकी सहायता एवं गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने राखी के मोबाइल से इस हत्याकांड का खुलासा की। उन्होंने बताया कि इस मामले में राखी, धनंजय, रूपा से जब शक के आधार पर पूछताछ किया गया तो इन लोगों ने फांसी लगाने की बात कही। लेकिन रांची रिम्स का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आया तो उसमें हेड इंजुरी की बात आई ।तो सक के आधार पर पुलिस ने सभी से जब पूछताछ किया गया ।तो सभी ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए पूरी घटनाक्रम की कहानी पुलिस को बताया। डीएसपी के विजय शंकर ने बताया कि इस कांड का मास्टरमाइंड रितेश सिंह अभी फरार है। उसकी भी गिरफ्तारी बहुत जल्द की जाएगी ।इस मामले में राखी देवी, रूपा देवी ,धनंजय अग्रवाल, प्रताप कुमार सिंह ,को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया । प्रेस वार्ता में थाना प्रभारी अरुण कुमार महथा, अमित कुमार सिंह, पूजा विभूति सिंह, वरुण शर्मा शामिल थे।