Breaking News

पासवा ने संत फ्रांसिस स्कूल के कार्रवाई को बताया गलत

बच्चे देश के भविष्य हैं, परीक्षा से वंचित करना सरासर गलत: आलोक दुबे

रांचीप्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन, पासवा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने फीस नहीं देने पर रांची स्थित संत फ्रांसिस स्कूल द्वारा 250 विद्यार्थियों को वाट्सअप परीक्षा ग्रुप से हटाये जाने की कार्रवाई को गलत बताया है। पासवा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना संक्रमणकाल में परिवार की आर्थिक स्थितियां खराब हो जाने की सजा छोटे-छोटे बच्चों को नहीं दी जा सकती है। परीक्षा से वंचित करने जैसी कार्रवाई से उन बच्चों के मनःस्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है, बच्चे देश के भविष्य है और जिस गलती के लिए वे किसी भी तरह से जिम्मेवार नहीं है, उस बात की इस तरह की दंडात्मक कार्रवाई से उनका भविष्य धूमिल हो जाएगा। इसलिए यह मामला संज्ञान में आते ही उन्होंने तत्काल फ्रांसिस स्कूल के प्राचार्य और प्रबंधन से भी बात की है और निर्देश दिया है कि किसी भी स्थिति में बच्चों को परीक्षा से वंचित नहीं करना है। आलोक दूबे ने सभी प्राइवेट स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिया है एवं अनुरोध भी किया है कि किसी भी परिस्थिति में बच्चों को परीक्षा से वंचित नहीं करना है।
पासवा के प्रदेश उपाध्यक्ष लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि स्कूल प्रबंधन तत्काल वाट्सऐप परीक्षा ग्रुप से हटाये गये बच्चों को फिर से जोड़ने का काम करें, वहीं अभिभावक भी जल्द से जल्द शुल्क जमा कराने का इंतजाम करें और फिलहाल वे स्कूल प्रबंधन को यह लिखित रूप देकर यह भरोसा दिलाने का काम करें, कि जल्द ही उनकी ओर से सारे बकाया का भुगतान कर दिया जाएगा, क्योंकि उनके द्वारा दिये जाने वाले शुल्क से ही स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को वेतन मिलता है और अन्य आधारभूत संरचना का निर्माण कराया जाता है।


पासवा के प्रदेश महासचिव राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि अभिभावकों को ज्यादा चिंतित होने की जरूरत है। पासवा उनके बच्चों के भविष्य को खराब नहीं होने देगा और बातचीत के माध्यम से जल्द ही रास्ता निकल जाएगा।