वैश्विक भुखमरी सूचकांक भारत के खराब प्रदर्शन पर पार्टी ने जतायी चिंता
पाकिस्तान,नेपाल जैसे पड़ोसी मुल्क से भुखमरी में भारत का पिछड़ना शर्मनाक
हजारीबाग : केंद्र सरकार लाख विकास के दावे करे पर वैश्विक भुखमरी सूचकांक में आये आंकड़े सरकार के दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। उक्त बातें सुख समृद्धि पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष राजेश कुमार ने कही आगे उन्होंने भुखमरी सूचकांक का हवाला देते हुए कहा की 116 देश में भारत का 101 पायदान पर होना चिंता का विषय है। चिंता तब और बढ़ जाती है जब हमारा प्रदर्शन पड़ोसी मुल्क से भी बदतर हो। पाकिस्तान (92), नेपाल (76) ,बांग्लादेश(76), म्यांमार(71 )पायदान पर रहा। वैश्विक पटल पर मोदी सरकार की गलत नीति और नीयत के कारण देश का छवि धूमिल हुयी।पिछले वर्ष के खराब प्रदर्शन से सबक लेने के बजाय इस वर्ष का प्रदर्शन और बदतर रहा।विदित हो वर्ष 2020 में भारत 107 देशों की गणना में 94 पायदान पर रहा। आजादी के 75 वर्ष बीतने के वाबजूद मौजूदा समय में तकरीबन 18 करोड़ आबादी का भूखे पेट सोना शहीदों के सपनो के साथ धोखा है । आगे लोगों से आवाह्न करते हुए कहा कि सत्ता का विकेंद्रीकरण तभी संभव है जब पूंजी का विकेंद्रीकरण हो केंद्र सरकार अडानी और अंबानी के हाथो देश को गिरवी रखने में लगी है। देश के हालात बद से बदतर होती जा रही है। देश आर्थिक गुलामी की दहलीज पर खड़ा नजर आ रहा है यही हाल रहा तो वो दिन भी दूर नहीं की देश फिर से गुलाम हो जायेगी। आर्थिक असमानता की गहरी खाई तभी कम होगी जब छोटे व्यापारियों के प्रति सरकार और समाज का रुख नरम होगा। समाज को डेटा से आटा और सब्जी से फोर जी, कंपनी एकाधिकार को तोड़ना होगा तभी समाज से भुखमरी, बेरोजगारी, गरीबी को दूर किया जा सकता है।