झारखंडी परंपरा व पूर्वजों की धरोहर है सोहराय परब: ममता देवी
रामगढ़। जिला के दुलमी प्रखंड के सीरु बुधबाजार में सोहराय परब महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसमें मुख्य अतिथि विधायक ममता देवी व विशिष्ट अतिथि पूर्व पार्षद राजु महतो,कुड़मी युवा विकास मोर्चा के केंद्रीय प्रधान महासचिव विराट महतो, जिला परिषद के प्रत्याशी अनु देवी, सिरु पंचायत के मुखिया प्रत्याशी सुमिता देवी,कार्यक्रम के मुख्य संयोजक कांग्रेस नेता सुधीर मंगलेश समाज सेवी प्रदीप महतो संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि ममता देवी ने कहा कि सोहराई परब कार्तिक अमावस्या से प्रारंभ होती है। यह त्यौहार पांच दिनों तक लगातार विभिन्न चरणों में मनाया जाता है। सोहराई का अर्थ है सहयोग न धान की कृषि के उपज में सहयोग करने वालीं शक्तियों का धन्यवाद प्रकट करना। सोहराई परब का जन्म आदिकाल में हुआ था। क्योंकि कार्तिक मास पड़ने पर अथक परिश्रम करने के बाद जब धान की बालियां पकने लगती है। तब उन्हें देखकर किसानों का मन आनंदित होता है। वह अपने पशु एवं औजारों जो उसके धान खेती करने में सहयोगी रहे हैं। उसी के खुशी में सोहराई परब करते हैं।
जनजातीय जीवन पद्धति में सोहराय अपार खुशी का पर्व है।जिन्हें फसलों के मदद से इंसान ने धरती पर अनाज उगाकर जीवन निवास का सबसे उत्तम तरीके की खोज की है। उसी पशुधन को अपने उपज का पहला आस्वादन करने और इस अवसर पर खुशी को बांटने का परब है सोहराई। तेल, देउआ,गठुउइर(गोहाल), गायजगा(धिंगुइन),गरइआ, बरदखुटा सहरइ परब मनाने का प्रमुख विधि है। मौके पर उतम कुमार, रविकांत महतो, दुधेश्वर महतो,युगलकिशोर महतो, रामप्रसाद महतो, बबलू कुमार, प्रमोद आर्या, बंटी कुमार,बिमलेश कुमार, अरविंद कुमार, शिव कुमार, विकास कुमार,भुनेश्वर कुमार, पवन कुमार, रितेश महतो, रंजीत कुमार, रुकेश कुमार, विक्रम सिंह, प्रमान्द सिंह, मुखलाल महतो, पप्पू महतो, सुमित कुमार,शत्रुंजय करमाली, रामघृत महतो,अजय भोक्ता,छोटन कुमार, किष्टो महतो, शुभम कुमार, सिकेन्दर कुमार, शराफत अंसारी, मिथलेश महतो, विरेन्द्र कुमार आदि मौजूद थे।