विस्थापित-प्रभावित मोर्चा ने विधानसभा कमेटी के पदाधिकारियों से की मुलाका
भुरकुंडा(रामगढ़)। विस्थापित-प्रभावित मोर्चा ने मंगलवार को विधानसभा कमेटी के अध्यक्ष प्रो. स्टीफन मरांडी व सदस्य विधायक सह पूर्व मंत्री लेबीन हेम्ब्रम तथा विधायक रामचंद्र सिंह से भूमि विवाद संबंधी मामलों को ले मुलाकात की गई। उक्त मोर्चा के अध्यक्ष संतोष मांझी ने विधानसभा कमेटी को बताया कि सीसीएल, जिंदल, एनटीपीसी द्वारा क्षेत्र की अधिग्रहण की गई जमीन का विस्थापितों को अब तक नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास नहीं मिला हैं। सीसीएल जमीन से पूरी तरह कोयला निकाल चुकी है। सीबीए एक्ट व माननीय सुप्रिम कोर्ट के आदेशानुसार कोयला निकाल लेने के बाद रैयतों को जमीन वापस कर देना है। लेकिन सीसीएल ने नौकरी मुआवजा व पुनर्वास अभी तक तो नहीं दिया और न ही जमीन वापस कर रही है। वहीं जिंदल कंपनी द्वारा जिस जमीन पर दावा किया जा रहा है जांच में पता चला है कि वर्तमान में उस जमीन का रसीद कट रहा हैं। उक्त कंपनी बिना अधिग्रहण किए रैयतों को ठगने का काम कर रही है। जिंदल सरना स्थल को बांउड्री कर घेर दिया गया। जिससे आदिवासी समाज के लोग सरना स्थल के समीप उपासना तक नहीं कर पा रहे हैं। उक्त कंपनी जमीन के साथ-साथ धर्म व आस्था के साथ भी खिलवाड़ कर रही हैं।
मोर्चा ने विधानसभा कमेटी से माईनर सर्वे 1960-62 का निरस्त कर 1909-1910 के अनुसार सर्वे सेटलमेंट करवाने और नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास की व्यवस्था एवं जमीन वापस कराने की मांग की हैं। इसके साथ ही सरना स्थल को मुक्त कराने की बात कही गई है। मौके पर पूर्व पार्षद झरी मुंडा, संतोष मांझी, आजाद अंसारी, तुलसी बेदिया, उमेश पाहन, ब्रह्मदेव मुर्मू, बुधन मुर्मू, रोहित मुंडा, मनोज मुर्मू, दीपकराज बेदिया, सिकंदर मांझी, छोटेलाल मांझी, रामदास बेदिया उपस्थित थे।