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हरि की कथा सुनने से मानव की व्यथा दूर होती है : शांति श्रेया

मेदिनीनगर : हरि की कथा सुनने से मानव की व्यथा दूर होती है । उक्त बात पोलपोल में आयोजित श्रीरामचरितमानस नवाह्न परायण यज्ञ में तीसरे दिन प्रवचन के दौरान अयोध्या से पधारी मानस कोकिला शांति श्रेया ने कही । उन्होंने कहा कि हरि की कथा अनंत है। कथा सुनने से मंगल होता है। उन्होंने कहा कि सत्संगति के बिना मानव जीवन अधूरा है। पद और प्रतिष्ठा की ऊंचाई को त्याग कर श्रद्धा भक्ति के साथ सत्संग में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान शिव कैलाश की ऊंचाई को त्याग कर अगस्त ऋषि के यहां कथा श्रवण करने पधारे थे ।उन्होंने कहा कि हम कथा सुनते हैं पर इसे आत्मसात नहीं करते। कथा को आत्मसात करने की जरूरत है। सत्संग मानव जीवन का सत्य लक्ष्य हैं।भौतिकवाद में सुख शांति नहीं है। सत्संग से मानव का ही कल्याण नहीं बल्कि सारे जीवो का कल्याण होता है। संसार का समस्त चौकी स्वर के चरणों में है।लोग धन-संपत्ति को जितना महत्व देते हैं। यदि उतना माता,भगवान की सेवा में दे तो उनका जीवन कृतार्थ हो जाएगा ।उन्होंने कहा कि भगवान का अवतार दुष्टों के संहार करने के लिए हुआ था। हिंसा को त्याग कर समर्पण मार्ग पर चलें ।और देश समाज के लिए कुछ करें ,उन्होंने सीता राम विवाह की चर्चा करते हुए कहा कि विवाह भारतीय संस्कृति में एक संस्कार है ।