रामगढ़ कॉलेज में छात्र हित के नाम पर हो रही दादागीरी पर अवलम्ब रोक लगाकर पढाई शुरू करवाई जाय
रामगढ़। भाकपा माले रामगढ़ जिला सचिव भुनेश्वर बेदिया तथा एआईपीऍफ़ नेता देवकीनंदन बेदिया ने रामगढ़ कॉलेज में उत्पन्न अराजक माहौल का घटनास्थल पर जाकर मुआयना करने के बाद मिडिया को जारी बयान में एक राजनितिक दल के बाहुबली और तथाकथित छात्र नेताओं द्वारा आन्दोलन के नाम पर अराजकत और आतंक बरपा किये जाने का कड़ा विरोध किया है।
क्योंकि आन्दोलन के नाम पर की जा रही अराजकता से वहाँ बीए व एम्ए के सभी छात्र छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह से ठप्प है। वहाँ के सभी कॉलेज प्राध्यापक व कर्मचारियों में काफी भय छाया हुआ है।विनोभा भावे विश्व विद्यलय और प्रशासन से त्वरित हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए एक राजनितिक दल विशेष के सांसद के इशारे पर वहाँ उनके कार्यकर्त्ताओं द्वारा दादागिरी करने का आरोप लगाया है।जो स्वयम्भू छात्र नेता बने हुए हुए हैं और उनमें से कोई भी वहाँ का छात्र नहीं हैं।
उक्त नेताओं ने कहा है कि पुरे जिले के ग्रामीण व गरीब घरों के आदिवासी – मूलवासी छात्राओं, छात्रों की पढ़ाई का एकमात्र केंद्र है।रामगढ़ सरकारी कॉलेज। क्या विडंबना है कि जिस राजनितिक दल ने झारखण्ड की सत्ता में रहते हुए कभी भी इस कॉलेज के विकास में ना तो कोई दिलचस्पी दीखाई और न ही समुचित संख्या में यहाँ टीचर, कर्मचारियों की बहालियाँ करवाई, आज उसका कतिपय छात्र संगठन बाहुबलियों नेताओं को कॉलेज में लाकर बीए, एम्ए स्तर वाले कॉलेज में जबरन इंटर की पढ़ाई करवाने के नाम पर हर दिन फसाद खड़ा कर जिले के एकलौते सरकारी कॉलेज को भी बंद करवाने पर तुला हुआ है।
स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि वहाँ तथाकथित आन्दोलन के नाम पर फसाद कर रहे पार्टी विशेष के बहुबल्ली नेताओं के आई कार्ड चेक करे कि वे वास्तव में छात्र हैं भी या नहीं। वहाँ के वास्तविक छात्रों की जो भी समस्याएं हैं।विश्व विद्यलय और कॉलेज प्रशासन से वार्ता कर समुचित हल निकाला जाय। लेकिन एक दल विशेष के बाहुबलियों द्वारा की जा रही दादागिरी पर तत्क्काल कड़ाई से रोक लगाकर कॉलेज में बीए,एम्ए के छात्रों का शैक्षिक कार्य अविलम्ब शुरू करवाया जाय।