राँचीः आज ऑल इंडिया स्माॅल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर ऐसोसिएशन के बिहार,झारखंड और बंगाल प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया ने कहा कि राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की जरूरत पर सरकार खामोश है.पत्रकार बैद्यनाथ महतो की शहादत इसका पुख्ता प्रमाण है.इस घटना को लेकर AISMJWA और अन्य संगठनों ने गिरफ्तारी और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग पर राज्य के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन किया था तब जाकर अपराधी गिरफ्तार हुए हैं.
श्री भाटिया ने कहा है कि सरकार अगर मंत्री-विधायकों की तरह बैद्यनाथ महतो को भी बेहतर इलाज की व्यवस्था देती तो शायद वह हमारे बीच होते लेकिन राज्य में पत्रकार साथियों की स्वतंत्रता,सुरक्षा और संवर्द्धन पर आज तक किसी सरकार या विपक्ष में संवेदनशीलता नजर नहीं आई.वे बोले कोरोनाकाल में अब तक 39 पत्रकार साथियों की शहादत के बाद मुआवजा देने के बजाए पीआरडी सूची ही बना रहा है.उन्होने कहा कि राज्य में बैद्यनाथ महतो समेत अब तक सभी 40 शहीद पत्रकार साथियों को कम से कम 10-10 लाख का मुआवजा तुरंत देने की जरूरत है.
इधर ऐसोसिएशन के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह ने कहा कि सरकार को केवल श्रद्धांजलि तक सीमित न रहकर बीमा,मुआवजा और सुरक्षा कानून पर तुरंत संज्ञान लेने की जरूरत है लेकिन सरकार इस पर संवेदनशील नजर नहीं आ रही है.
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंटी जयसवाल ने कहा है कि सरकार अगर पत्रकार साथियों की पीड़ा को समझने में देर लगा रही है तो विपक्ष क्यों मौन है?वे बोले विपक्ष ने कभी देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की दिशा में सक्रियता नहीं दिखाई है.वे बोले ऐसोसिएशन राज्य सरकार की पत्रकारहित की नीतियों का विरोध करता है और विपक्ष को भी आगाह करता है कि पत्रकारहित में आगे आएं नहीं तो राज्य में पत्रकार असुरक्षित महसूस करेंगे.
प्रदेश महासचिव जितेंद्र ज्योतिषी ने कहा कि राज्य में पत्रकार साथियों की शहादत बेकार नहीं जाएगी और सुरक्षा कानून लागू करवाने हेतु ऐसोसिएशन वचनबद्ध है.वे बोले अब पत्रकारों के सभी संगठनों को आपसी भेदभाव भुलाकर एकजुटता दिखाने की जरूरत है क्योंकि इस गुटबाजी से पत्रकार साथियों को ही नुकसान हो रहा है.