प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन ने गांधी जी की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर एक हजार दीप प्रज्वलित क
गांधी जी ने सब कुछ छोड़ा, परिवार छोड़ा,अपनी सेवा देश के लिए समर्पित कर दिया डॉ रामेश्वर उरांव
रांची। प्राइवेट स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पासवा की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के पूर्व संध्या पर राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति डॉ रामेश्वर उरांव के साथ पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे,उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव,डा. राजेश गुप्ता छोटू,अरविन्द कुमार,अमरेन्द्र सिंह ने आज शाम राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष 1001 दीप प्रज्ज्वलित करने कर उन्हें नमन किया। प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पासवा की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में पासवा के अन्य पदाधिकारी फिरोज रिजवी मुन्ना, डा.सुषमा केरकेट्टा,राखी कौर,प्रियंका सिसोदिया,संजय कुमार, कुमुद रंजन,राबर्ट कुमार,अरविन्द प्रसाद,आलोक बिपीन टोप्पो,विनीता पाठक,सोनी नायक,मौजूद थे।
इस मौके पर डा. सुषमा केरकट्टा एवं संगीता सिंह ने बापू के प्रिय भजन- रघुपति राघव राजा राम का भजन गाया जबकि एचएमपब्लिक स्कूल के शिक्षकों ने वैष्णव जन ते कहिए पीड़ पराई जानी रे और साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल का भी गायन हुआ।
वित्त तथा खाद्य आपूर्ति डॉ0 रामेश्वर उरांव ने बापू वाटिका में गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर गांधी जी के आदर्शों और उनके दिखाये रास्ते पर सभी से चलने की अपील की। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि 2 अक्टूबर को बापू का आगमन हुआ था लेकिन हम आज से ही उनका स्वागत करते हैं, वह जब दुनिया में आए थे भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, उन्होंने सब कुछ छोड़ा, परिवार छोड़ा, अपनी सेवा देश के लिए समर्पित कर दिया।बापू एक समाज सुधारक, सांस्कृतिक सुधारक, आर्थिक व सामाजिक सुधारक के रूप में उन्होंने ख्याति हासिल की,उनके अंदर देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी, उन्होंने राष्ट्रीयता का मतलब बताया।बापू किसी धर्म में नहीं बल्कि धर्म से एकता में विश्वास करते थे। सबके दिलों में प्रेम जगाया, महात्मा गांधी के अनुयायी के रुप अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता हूँ।बापू हमारे और देश के सर्वोच्च नेता थे जो कल तक उनके आलोचक थे आज वह भी उन्हें नमन करते हैं।
पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि गांधीजी ने कहा था क सत्य एक हैऔर उस पर चलने के मार्ग कई हो सकते है और उनका यह कहना सर्वथा उचित है कि व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं हैं, वह जो सोचता है, वह बन जाता है। उनकी यह बात अब भी सत्य प्रतीत होता है कि कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता और क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है, ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है, यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है। धैर्य का एक छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर हैं।
पासवा के प्रदेश उपाध्यक्ष लालकिशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि बापू का यह कथन आज भी युवा पीढ़ी के लिए उतना ही प्रसांगिक है कि गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में है, आप जो करते हैं वह नगण्य होगा, लेकिन आपके लिए वह करना बहुत अहम है। हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादा समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा।
पासवा के प्रदेश महासचिव डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि युवा पीढ़ी गांधी जी के उस कथन को हमेशा याद रखे कि क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है। साथ ही गरीबी दैवी अभिशाप नहीं हैं, बल्कि मानवरचित षड़यंत्र है। जो लोग अपनी प्रशंसा के भूखे होते हैंवे साबित करतेहैं कि उनमें योग्यता नहीं हैं।
पासवा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार ने कहा कि प्रार्थना मांगना नहीं है, यह आत्मा की लालसा है, यह हर रोज अपनी कमजोरियों की स्वीकारोक्ति है। प्रार्थना में बिना वचनों के मन लगाना, वचन होते हुए मन न लगाने से बेहतर है।
डा. सुषमा केरकेट्टा ने कहा कि अपनी गलती को स्वीकारना झाडू लगाने के समान है, जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ कर देती है। केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दूसरे पर छिड़के तो उसकी कुछ बूंदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है। प्रदेश कांग्रेस कमिटि खेल विभाग के चेयरमैन अमरेन्द्र सिंह व पासवा नेता विनीता नायक ने कहा कि काम की अधिकता नहीं, बल्कि अनियमिता आदमी को मार डालती है, इसलिए कहा जाता है कि गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती है।वह तो केवल अपनी खुशी बिखेरता है,उसकी खुशबू ही उसका संदेश है।