सरकार की उदासीनता के कारण बालू के अवैध कारोबार को मिल रहा बढ़ावा: आरसीसीआई
रामगढ़।चेंबर अध्यक्ष पंकज प्रसाद तिवारी ने सचिव उद्योग खनन एवं भूतत्व विभाग झारखंड सरकार रांची को पत्र प्रेषित कर कहा है कि पूरे झारखंड प्रदेश ,खासकर हमारे रामगढ़ जिला में बालू घाटों का संचालन विगत 2 वर्षों से वैध तरीके से पूरी तरह बंद है। वर्ष 2015 में राज्य में बालू घाटों की नीलामी हुई थी जिसकी वैधता 3 वर्ष की थी अर्थात 2018 तक। राज्य सरकार द्वारा 2017 में बालू खनन नीति बनाया गया जिसके उपरांत पूरे राज्य में बालू घाटों को चिन्हित कर कैटेगरी 1 एवं केटेगरी 2 में बांटे जाने का निर्णय लिया गया था। category-1 में चयनित घाटों को पंचायत एवं ग्राम सभा के माध्यम से संचालित करना था।इस तरह के घाटों से बालू की आपूर्ति सरकार के कल्याणकारी योजनाओं एवं निजी निर्माण कार्य के लिए होना तय था। जिस पर ग्राम सभा /पंचायत/ स्थानीय निकाय के द्वारा ₹100 प्रति ट्रैक्टर लेने का प्रावधान किया गया था।सरकार को इन घाटों से कोई राजस्व प्राप्त नहीं होना है। वही केटेगरी 2 में चयनित घाटों को जेएसएमडीसी के द्वारा संचालित किया जाना था ,जहां इस तरह के घाटों की नीलामी जेएसएमडीसी के द्वारा की जाने की व्यवस्था की गई थी।इन घाटों का बालू व्यवसायिक कार्यो में आपूर्ति किया जाना था एवं इन घाटों से सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा।वर्ष 2018 में नीलामी की वैधता समाप्त होने के बाद से आज तक अर्थात 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार ना तो category-1 घाटों का सही तरीके से संचालन कर पा रही है और ना ही कैटेगरी 2 घाटों का नीलामी कर पा रही है। जिसके वजह से पूरे राज्य में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। खासकर रामगढ़ जिला में तो category-1 घाट चिन्हित ही नहीं है। बालू घाटो के वैध तरीके से संचालन नहीं होने को वजह से उक्त कारोबार पर माफियाओं का कब्जा हो गया है। जो सेटिंग – गेटिंग कर बालू की आपूर्ति निर्माण कार्य में कर रहे हैं।जो समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी छप रहे हैं ,इसको लेकर क्षेत्र में काफी शोरगुल भी है।अवैध तरीके से बालू की आपूर्ति के कारण बालू काफी महंगा बाजार में बेचा जा रहा है। जहां पहले एक ट्रैक्टर बालू 1000/ रुपया के भाव से बेचा जा रहा था। वही अब एक ट्रैक्टर बालू 2800 -3500 सो के दर से बाजार में बेचा जा रहा है।जिस कारण बहुत सारे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं।मजदूरों के समक्ष भूखमरी एवं पलायन की समस्या उत्पन्न हो रही है।रामगढ़ जिला के स्थानीय एवं कम पूंजी वाले नौजवानों द्वारा किसी तरह बैंकों से वित्तीय सहायता प्राप्त कर ट्रेक्टर या अन्य व्यवसायिक वाहनों की खरीद की गई है, और इन वाहनों को बालू ,ईट, गिट्टी ,मिट्टी आदि की आपूर्ति के काम में लगा कर अपना जीविकोपार्जन कर रहे थ।,यही नहीं इन वाहनों पर काम करने वाले ड्राइवर, खलासी, मजदूर ,मुंशी सभी रोजगार आणविक हो रहे थे ,परंतु सरकार की उदासीनता की वजह से वर्तमान में इनके समक्ष भुखमरी की संकट है।यही नहीं वैसे वाहन मालिक जो बैंकों से वित्तीय सहायता प्राप्त कर वाहनों की खरीद किए हैं।बैंकों का ईएमआई देने ,अपने वाहन को बैंक से बचाने, और अपने रोजगार को बचाने के दबाव में, माफियाओं के चंगुल में फंस रहे हैं। नतीजतन इनको अधिकारियों के कोप भाजन एवं भयों दोहन का शिकार होना पड़ रहा है। इनके ऊपर मुकदमा हो रहे हैं ,ये पढ़े लिखे नौजवान सरकार के उदासीनता के कारण अपमानजनक जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं।राज्य सरकार लगातार विकास की योजनाएं राज्य में पारित कर रही हैं।यह विकास कार्य मसलन सड़क ,पुल पुलिया,भवन आदि रामगढ़ जिले में भी बन रहे हैं। सवाल उठता है कि रामगढ़ जिला में वैध तरीके से बालू घाट संचालित नहीं है तो यह कार्य कहां से हो रहे हैं, यदि यह मान भी लिया जाए कि कुछ जिलों में category-1 घाटों से बालू की आपूर्ति हो रही थी तो इतनी बड़ी संख्या में मांग की पूर्ति category-1 घाटों से विभिन्न क्षेत्रों में कैसे हो सकता है, जानकारी मिली है कि category-1 घाटो के बालू की आपूर्ति घाट वाले पंचायत या उसी क्षेत्र के कल्याणकारी योजनाओं में होनी है! इससे यह स्पष्ट है कि इन योजनाओं में अवैध बालू इस्तेमाल हो रहे हैं ,इन कार्यों में लगे संवेदक समय अवधि कटने के डर से समय पर काम करने के दबाव में अवैध एवं बहुत ज्यादा महंगा अर्थात सरकार के निर्धारित शेड्यूल ऑफ रेट से 3 गुना महंगा बालू खरीद कर सरकार की योजनाओं को पूर्ण कर रहे हैं एवं अपना बड़ा आर्थिक नुकसान कर रहे हैं ,यही नहीं महंगा एवं अवैध बालू खरीदने के साथ साथ जिन विभागों के द्वारा यह विकास के कार्य करवाएं जा रहे है उन विभागों के नियमानुसार संवेदक के द्वारा बालू का रॉयल्टी चालान जमा नहीं करने की स्थिति में दंड स्वरूप बालू के निर्धारित दर का दोगुना राशि संवेदक के परिमाण विपत्र से कटौती कर ली जा रही है अर्थात संवेदक को दोहरा मार झेलना पड़ रहा है, यह शोषण नहीं तो क्या है।सरकार की उदासीनता की वजह से बालू का अवैध कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है।भ्रष्टाचार चरम पर है ,रोजगार पर इसका गहरा असर पड़ रहा है, इस कारोबार से जुड़े नौजवानों के समझ भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है यही नहीं सरकार की भी बदनामी हो रही है, चर्चा तो यह भी है कि सरकार जानबूझकर उदासीन बनी हुई है ताकि बालू के अवैध कारोबार से अधिकारी मोटी रकम वसूल कर सकें!
श्री तिवारी ने कहा है कि बालू घाटों का वैध तरीके से संचालन सरकार द्वारा अभिलंब शुरू नहीं किया जाता है बाध्य होकर रामगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज न्यायालय की शरण में जाने पर मजबूर होगा! सचिव भूपेंद्र सिंह एवं उपाध्यक्ष सा प्रवक्ता अमरेश जनक ने कहा कि इस संबंध में पत्र राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन रामगढ़ की माननीय विधायक श्रीमती ममता देवी बड़कागांव की माननीय विधायक सुश्री अंबा प्रसाद मुख्य सचिव महोदय झारखंड सरकार अध्यक्ष एफ जी सीसीआई रांची एवं अध्यक्ष झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भी प्रेषित किया गया है उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता की वजह से हजारों लोगों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। उपरोक्त बातों की जानकारी चेंबर प्रवक्ता अमरेश गणक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।