रामगढ़। अनुसूचित जाति, जनजाति विकास परिषद रामगढ़ जिला के अध्यक्ष किशन राम अकेला ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार के द्वारा तुष्टीकरण की राजनीति करने से राज्य में राजनीतिक अशांति और हिंसा बढ़ने की संभावनाएं बढ़ रही है। राज्य में उर्दू को राजभाषा का दर्जा देना और हिंदी को राजभाषा के दर्जे से बाहर रखना, यह हेमंत सोरेन सरकार की तुष्टीकरण और गंदी राजनीति का परिचय है। क्या यह राज्य पाकिस्तान है, इस्लामिक राज्य है, जो उर्दू को राजभाषा का दर्जा और हिंदी को नहीं। हेमंत सोरेन सरकार तुष्टिकरण और भेदभाव की गंदी राजनीति करने पर उतारू हो गए हैं। इस तरह का कार्य कर हेमंत सोरेन सरकार इस राज्य में हिंसा को जन्म दे रही है। झारखंड राज्य में आदिवासियों का जन्म प्रमाण पत्र एक बार में आजन्म बनेगा, इस तरह मूल वासियों को छोड़कर सिर्फ आदिवासियों के हित में सिंगल निर्णय लेना मूलवासी और आदिवासियों के बीच में लड़ाई लगवाने का एक कुंठित प्रयास है। जो राज्य के लिए विनाशकारी है। हेमंत सोरेन सरकार अंग्रेजों की तरह इस राज्य में “फूट डालो और शासन करो” की राजनीति कर रही है। हम झारखंड के मूलवासी और आदिवासी इस राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ बृहद पैमाने पर आंदोलन करने का निर्णय बहुत जल्द लेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन की सरकार के खिलाफ वोट करने का अपील इस राज्य की जनता से करेंगे। हम राज्य की जनता को माननीय पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल मरांडी जी के तरह शांत और सरल स्वभाव वाला मुख्यमंत्री चाहिए, तुष्टीकरण की विचारधारा रखने वाला मुख्यमंत्री नहीं।