बच्चों से लेकर वृद्धजनों को मिले पोषाहार, यह सभी की जरूरत : डाॅ रामेश्वर उरांव
- भोजन में छह दिन दिया जायेगा बच्चों को अंडा, सरकार कर ही है व्यवस्था
- कार्यक्रम में 12 लाभुकों के बीच स्पिरुलिना किट का वितरण
- मां रहेगी स्वस्थ तो पूरा परिवार रहेगा स्वस्थ: दिलीप कुमार टोप्पो
लोहरदगा।समाज कल्याण विभाग की ओर से राष्ट्रीय पोषण माह (1 से 30 सितंबर) अंतर्गत आज स्पिरुलिना सप्लीमेंट कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ रामेश्वर उरांव, माननीय मंत्री, योजना-सह-वित्त विभाग, वाणिज्यकर विभाग एवं खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग, झारखण्ड सरकार द्वारा नगर भवन, लोहरदगा में किया गया। उद्घाटन के मौके पर सैम व मैम बच्चों के 12 माताओं को स्पिरुलिना किट (पोषण बुटी) दिया गया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि देश में आदिकाल से अनाज की कमी रही है। हर 10-12 साल में यहां सुखाड़ आता रहा है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भी अनाज की कमी आई। भुखमरी में 20-30 लाख लोग मरे। लेकिन उसके बाद इस देश में हरित क्रांति आई, श्वेत क्रांति आई। पहले प्रायः घरों में, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में गाय-बकरियां होती थीं तो कुपोषण के शिकार कम लोग होते थे। अब लोगों के खेत कम हो रहे हैं जिससे अनाज की कमी हुई है। स्पिरुलिना सप्लीमेंट कार्यक्रम के तहत जो आहार (शैवाल) दिया जायेगा उससे बच्चों को पोषण मिलेगा।
सरकार अब हफ्ते में देगी छह अंडे
जब अन्न मिलेगा तो कुपोषण दूर होगा। पहले आदिवासी समाज में गुड़-भात अन्नप्रासन पर खिलाया जाता था। वर्तमान राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि मध्याह्न भोजन के अंतर्गत सरकारी विद्यालयों में हफ्ते में तीन दिन के बजाय छह दिन अंडे दिया जायेगा। इस संदर्भ में सरकार एक व्यवस्था करने जा रही है। सरकार की नई सोच है, नई पहल है। हम किसी भी उम्र के बच्चों को कुपोषित नहीं होने देंगे। माताएं स्वस्थ रहेंगी तो बच्चे भी स्वस्थ रहेंगे। 1930 में मद्रास के नगरपालिका क्षेत्र में मध्याह्न भोजन का कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। इसे भारत के बाद वैश्विक स्तर पर अपनाया गया। अफ्रीका जैसे देश में मध्याह् भोजन की वजह से 5-6 प्रतिशत साक्षरता से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया।
पोषाहार सबकी जरूरत
मुख्य अतिथि ने कहा कि बच्चों, युवा, व्यवस्कों, माताओं के साथ-साथ वृद्धों को भी पोषाहार की जरूरत है। संयुक्त परिवार में सभी लोगों की जरूरतें पूरी होती हैं जबकि छोटे परिवार में माता-पिता अगर साथ नहीं रहते तो उन्हें पूरा पोषण नहीं मिल पाता है।
हर किसी को मिलेगा राशन
डॉ उरांव ने कहा कि हमने 15 लाख नए परिवारों को राशन कार्ड दिया गया है। अब सचिव से विचार-विमर्श के बाद अन्य 5-10 लाख नये लोगों को राशन कार्ड से जोड़े जाने पर सहमति बनी है ताकि हम राज्य में यूनिवर्सल फूड सिक्योरिटी ला सकें। तेजस्विनी परियोजना में भी बेहतर भोजन व विभिन्न तरह के प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं। सर्वांगीण विकास का कार्यक्रम समाज कल्याण विभाग अंतर्गत चल रहा है।
माताएं स्वस्थ तो पूरा परिवार स्वस्थ: उपायुक्त
उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने कहा कि हमारे समाज में आज कुपोषण आम समस्या है। कुपोषण के कारण व्यक्ति के शरीर में कई प्रकार की कमियां देखी जा सकती हैं। किसी की सेहत कमजोर है तो किसी की लंबाई कम। इसे दूर करने का उपाय यह है कि माताओं को पोषाहार दिया जाय। एक महिला पूरे परिवार की धुरी होती है। महिला स्वस्थ होगी तो आनेवाली पीढ़ी स्वस्थ होगी। उन्हें पोषक तत्व भोजन से देना होगा। बच्चों व माताओं के स्वास्थ की देखभाल अतिआवश्यक है। जिले एमटीसी केंद्रों में सैम व मैम बच्चों का इलाज किया जाता है, उन्हें पोषाहार देकर उन्हें सुपोषित किया जाता है। जिले में कई प्रखण्डों में एमटीसी केंद्रों का सुदृढ़ीकरण किया गया है। सर्वे कराने के बाद जिले में लगभग 1 हजार कुपोषित बच्चों को इस स्पिरुलीना कार्यक्रम का लाभ दिया जायेगा । इस कार्यक्रम को लागू करने वाला यह लोहरदगा जिला पहला जिला है।
स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को दे सकती है जन्म
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि एक स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। इस कार्यक्रम के जरिये कुपोषित बच्चों को स्पिरुलीना पोषाहार किट किया जायेगा जो प्रोटीन का बेहतर स्त्रोत है। बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए बच्चों को जन्म से छह माह तक सिर्फ मां का दूध दिया जाना आवश्यक है। आज स्पिरुलीना कार्यक्रम की शुरूआत की गई है जो जिला को कुपोषणमुक्त बनाने में काफी लाभकारी सिद्ध होगा।
अन्न प्राशन, गोदभराई व पुरस्कार
कार्यक्रम में 10 बच्चों का अन्नप्राशन और 10 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म पूरी की गई। नगर भवन सभागार में विभिन्न प्रखण्डों के बाल विकास परियोजना एवं तेजस्विनी परियोजना, लोहरदगा की ओर से पोषण स्टाॅल लगाये गये थे। इनमें से बाल विकास परियोजना कुडू का प्रथम, किस्को को द्वितीय, सेन्हा को तृतीय, भण्डरा को चतुर्थ, लोहरदगा सदर को पांचवा और तेजस्विनी परियोजना की ओर से लगाये गये स्टाॅल को छठा पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन के पूर्व मुख्य अतिथि एवं अन्य पदाधिकारियों द्वार स्टाॅल का निरीक्षण भी किया गया।
कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि नीशीथ जायसवाल, अशोक यादव, जिला प्रशासन की ओर से अनुमण्डल पदाधिकारी अरविंद कुमार लाल, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ शम्भूनाथ चौधरी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रवीण केरकेट्टा, श्रेया सिंह समेत अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चे शामिल हुए।